न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र ने भारत ने गरीबी हटाने की दिशा में बेहतर कार्य किया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, बीते 15 सालों में भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी की सीमा को लांघकर बाहर आ गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कहा है कि भारत ने गरीबी में उल्लेखनीय कमी दर्ज करते हुए केवल 15 वर्षों में 41.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा के दायरे से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि भारत सहित 25 देशों ने 15 वर्षों के भीतर अपने वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) मूल्यों को सफलतापूर्वक आधा कर दिया है, इससे पता चलता है कि तेजी से प्रगति संभव है. इन 25 देशों में भारत के अलावा कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम भी शामिल हैं.
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) का नवीनतम अपडेट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) द्वारा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जारी किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सभी संकेतकों में अभाव में गिरावट आई है, और सबसे गरीब राज्यों और समूहों में सबसे तेज़ पूर्ण प्रगति हुई है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में भारत 142.86 करोड़ लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया.