रायपुर छत्तीसगढ़ में अब तक भाजपा ने जिन दिग्गज नेताओं के दम पर 15 साल राज किया है, उनमें से कई दिग्गज नेताओं काे चुनावी साल में दरकिनार कर दिया गया है। प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश संगठन ने जिम्मेदारियों का बंटवारा करना प्रारंभ कर दिया है। पहले चरण में दी गई जिम्मेदारियों में तो वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और प्रेमप्रकाश पांडेय जैसे नेताओं को चुनाव घोषणा पत्र समिति से किनारे कर दिया गया है। इसके बाद आरोप पत्र समिति में अजय चंद्राकर और प्रेमप्रकाश पांडेय को जिम्मेदारी मिल गई है। लेकिन अब भी कई नेता जिम्मेदारी के इंतजार में हैं।
विधानसभा चुनाव की कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संभालने और यहां पर एक बार दौरा करने के बाद प्रदेश संगठन बहुत ज्यादा सक्रिय हो गया है। श्री शाह के निर्देश पर विधानसभा चुनाव के लिए लगातार समितियों का गठन किया जा रहा है। सबसे पहले यहां पर घोषणा पत्र समिति बनाई गई है। इसमें कई पुराने दिग्गज नेताओं को नहीं रखा गया है। लेकिन इसी के साथ कई दिग्गज नेताओं को स्थान भी मिला है।
इनको अब तक नहीं मिला जिम्मा
जिनको अब तक कोई जिम्मा नहीं दिया गया है, उनमें पहला बड़ा नाम वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल का है। इसके पहले हमेशा श्री अग्रवाल घोषणा पत्र समिति के संयोजक रहे हैं, लेकिन इस बार उनको समिति से ही बाहर कर दिया गया है। इसी तरह से राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को भी पिछली बार घोषणा पत्र समिति में रखा गया था, लेकिन इस बार अब तक उनको कोई जिम्मा नहीं मिला है। अन्य दिग्गज नेता जिनको किसी भी बड़ी जिम्मेदारी का इंतजार है, उनमें प्रमुख नाम पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद संतोष पांडेय, सुनील सोनी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, विधायक और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहिले, पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी, विष्णुदेव साय, देवजी भाई पटेल, शामिल हैं।