कोलकाता। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ा झटका लगा है। राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने केंद्र सरकार के तीनों मंत्रियों (निसिथ प्रमाणिक, जॉन बारला और शांतनु ठाकुर) के गढ़ में शानदार प्रदर्शन किया है। हालांकि, नंदीग्राम में विधानभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के गृह क्षेत्र में भाजपा मामूली बढ़त बनाने में कामयाब रही।
बारला के लखीपारा चाय बागान क्षेत्र में भाजपा सभी पांच ग्राम पंचायत सीटें हार गई। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री ने हार का कारण धांधली बताया। उन्होंने कहा कि स्ट्रांगरूम में रखी मतपेटियां बदल दी गईं। उन्होंने छेड़छाड़ के अपने आरोप को साबित करने के लिए मतपेटियों की तस्वीरों में मिलान नहीं होने का दावा किया है। आपको बता दें कि बारला का निर्वाचन क्षेत्र अलीपुरद्वार 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा का गढ़ रहा है।
भाजपा ने ठाकुरनगर के मतुआ बेल्ट में भी खराब प्रदर्शन किया है। यहां बोंगांव के सांसद और केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर का घर है। इसके अलावा, उनके भाई सुब्रत ठाकुर भाजपा के गायघाटा सीट से विधायक हैं। वह गायघाटा ब्लॉक के इच्छापुर ग्राम पंचायत में रहते हैं। टीएमसी उम्मीदवार रीता मंडल 1998 के बाद से कभी नहीं हारी हैं। उन्होंने इच्छापुर पर अपनी पकड़ बनाए रखी। बोंगांव उपमंडल में टीएमसी ने 34 ग्राम पंचायतें जीतीं, जबकि भाजपा को सिर्फ चार ग्राम पंचायतें मिलीं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक के गढ़ कूचबिहार में बुधवार देर रात तक बीजेपी टीएमसी से पीछे चल रही थी। जिले की 2,507 ग्राम पंचायत सीटों में से टीएमसी को 1,834 और बीजेपी को 615 सीटें मिलीं। यहां, शुरुआत में बीजेपी ने नौ ग्राम पंचायतें जीतकर बढ़त हासिल की, वहीं टीएमसी ने 7 ग्राम पंचायतें जीतीं। मंगलवार देर रात मतदान के रुझान बदलने शुरू हो गए। नंदीग्राम I में टीएमसी ने 30 पंचायत समितियों में से 15 पर जीत हासिल की है। बीजेपी ने 14 पर जीत हासिल की है।