Vitamin D: विटामिन डी, जिसे धूप विटामिन के नाम से भी जाना जाता है. ये आपकी ऑलओवर हेल्थ के लिए जरूरी है. सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर आपका शरीर विटामिन डी बनाता है. विटामिन डी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत रखता है, शरीर में कैल्शियम के एब्जॉर्प्शन को बढ़ावा देता है और आपके मूड में सुधार करता है. विटामिन डी की कमी काफी आम है, खासकर शाकाहारियों में. जब इलाज नहीं किया जाता है, तो विटामिन डी की कमी से दर्द और आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं. विटामिन डी की खुराक का सेवन पहले से कहीं अधिक आम हो गया है. हालांकि, बहुत से लोग बहुत ज्यादा विटामिन डी के सेवन के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में नहीं जानते हैं.
किसी भी चीज की अति बुरी होती है. इसलिए विटामिन डी की खुराक लेते समय सावधान रहना जरूरी है. ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर आपको कुछ दुष्प्रभावों का अनुभव हो सकता है. जैसे-
विटामिन डी का ओवरडोज के संकेत और लक्षण –
विटामिन डी टॉक्सिटी या हाइपरविटामिनोसिस डी एक ऐसी स्थिति है जब आपके शरीर में विटामिन डी मात्रा लेवल की जरूरत से ज्यादा होती है. विटामिन डी विषाक्तता के कुछ नुकसानों में शामिल हैं:
किसी को हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की समस्या और पाचन संबंधी समस्या जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं.
विटामिन डी विषाक्तता के प्रमुख चिंताजनक दुष्प्रभावों में से एक आपके खून में ज्यादा कैल्शियम बनना, जिसे हाइपरकैल्सीमिया के रूप में भी जाना जाता है.
विटामिन डी की ओवरडोज से किडनी की समस्याएं हो सकती हैं.
हाइपरकैल्सीमिया के कारण मतली, उल्टी, कमजोरी और बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है.
अगर समय पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो विटामिन डी टॉक्सिटी हड्डियों के दर्द और किडनी से संबंधित बीमारियों को बढ़ा सकती है.
एक दिन में कितना विटामिन डी लेना चाहिए?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, 1-70 वर्ष की आयु वालों को एक दिन में 15 एमसीजी या 600 आईयू विटामिन डी का सेवन करना चाहिए.
उम्र, धूप में रहने और डाइट संबंधी आदतों के अनुसार इस विटामिन की डेली जरूरत को समझने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना सप्लीमेंट न लें.