मछली पालन से लौटी खुशहाली: सरकार की योजनाएं बरसा रहीं धन

ये मेहनतकश और सरकार की सफल योजनाओं की तस्वीर है, जो खुशहाली की कहानी बयां कर रही है. ये हाथों में जाल और जाल में मंछलियां स्व सहायता समूह की तकदीर बदल रही हैं. यूं कहें कि सरकार की योजनाओं से जुड़कर खुद की किस्मत को उकेर रही हैं, जो अन्य महिलाओं के साथ समाज को संदेश दे रही हैं. भूपेश सरकार की ये योजनाएं गांव-गांव खुशहाली, उन्नति और मछली पालकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रही हैं. मछली पालकों की आमदनी में इजाफा को रफ्तार मिल रही है.

आत्मनिर्भर बन रहीं ग्रामीण महिलाएं

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ग्राम सुराजी योजना ग्रामीण जनजीवन के लिए नई दिशा लेकर आई है. इसके तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के साथ महिलाओं में नया आत्मविश्वास भी जगा रही है. गरूवा योजना के तहत निर्मित गौठानों में चल रही आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने से ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.

स्वरोजगार का महत्वपूर्ण जरिया

गौठानों में चल रहे मछली पालन का कार्य समूह की महिलाओं के लिए स्वरोजगार का महत्वपूर्ण जरिया बन गया है. मछली पालन के व्यवसाय से हो रही निरंतर आमदनी से इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति में आशातीत सुधार हुआ है, जिससे उनके परिवार में खुशहाली आई है.

स्वरोजगार प्रदान करने का कारगर माध्यम

गांवों में स्थापित गौठान पशुधन संरक्षण, संवर्धन, वर्मी कम्पोस्ट एवं कीटनाशक दवाईयों, गोबर पेंट आदि के निर्माण के साथ सब्जी उत्पादन जैसे अनेक आजीविकामूलक गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार प्रदान करने का कारगर माध्यम बन गए हैं.

मछली पालन कर आर्थिक रूप से समृद्ध

इसी कड़ी में बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के जेवरतला, भानपुरी एवं डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के खपराभाट एवं नंगूटोला गौठानों में स्वसहायता समूह की महिलाएं मछली पालन कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहीं है.

जेवरतला गौठान के डबरी में मछली पालन

गुरूर विकासखंड के ग्राम जेवरतला गौठान के डबरी के 0.162 हेक्टेयर(40 डिसमिल) में जलक्षेत्र में जय मां दुर्गा स्व-सहायता समूह के 13 महिलाओं के द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा है.

70 हजार 800 रुपये में बिक्री की

इन महिलाओं के द्वारा अब तक गौठान की डबरी से कुल 472 किलोग्राम मछली को प्रति किलो 150 रुपये की दर से कुल 70 हजार 800 रुपये में बिक्री की गई है, जिससे इन महिलाओं को 52 हजार 330 रुपये की शुद्ध आमदनी हुई है.

12 महिलाएं कर रहीं मछली पालन

इसी तरह से मछली पालन के व्यवसाय में लगी मां दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाओं को 4025 रुपये की आमदनी हुई है. डौडीलोहारा विकासखंड के ग्राम खपराभाट गौठान में निर्मित डबरी में जय शीतला स्वसहायता समूह की 12 महिलाओं द्वारा मछली पालन किया जा रहा है.

375 किलोग्राम मछली से मुनाफा

इन महिलाओं के द्वारा अब तक कुल 375 किलोग्राम मछली को 150 रुपये प्रति किलो की दर से कुल 56 हजार 250 रुपये में बिक्री किया है, जिससे उन्हें 39 हजार 900 रुपये की आमदनी हुई है. इसी तरह जय शीतला स्वसहायता समूह की महिलाओं को 3325 रुपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है.

40 हजार 290 रुपये की आमदनी

डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम नंगुटोला गौठान में निर्मित डबरी में मछली पालन कर गंगा मैय्या स्वसहायता समूह की महिलाओं ने कुल 55 हजार 800 रुपये में बिक्री की है, जिससे उन्हें 40 हजार 290 रुपये की आमदनी हुई है.

मछली पालन से महिलाओं को आमदनी

गुरूर विकासखण्ड के जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह ग्राम जेवरतला के सक्रिय सदस्य फूलेश्वरी बाई ने मछली पालन से समूह की महिलाओं के जीवन में आए बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन का कार्य गांव की महिलाओं के लिए स्वरोजगार का प्रमुख माध्यम बन गया है.

परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रही महिलाएं

गौठान में मछली पालन व्यवसाय शुरू होने से उनके लिए स्वरोजगार का फायदेमंद जरिया मिल गया है. इससे समूह के सदस्यों की आमदनी में पर्याप्त वृद्धि हुई है. अब वे अपने परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रही हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जता रहे आभार

उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया. इस तरह बालोद जिले के गौठान समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव के माध्यम बन गए हैं.

More From Author

महिला चेंबर द्वारा ‘‘मोटीवेशनल शाम‘‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया

MP में निर्माण कार्य में तेजी लाने सरकार का बड़ा फैसला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.