भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पर कांग्रेस ने बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इस पर अब मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया का बयान सामने आया है. आदिवासी बच्चों के ट्रेनिंग की राशि 3 जिलों में खर्च करने के आरोपों का खंडन किया है. मंत्री ने कहा कि आरोप लगाने वालों पर मानहानि के 22 केस चल रहे हैं.
पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि जैसे जैसे पैसा आएगा, सभी जिलों में पहुंचाई जाएगी. बोर्ड से स्वीकृति मिलती है. बोर्ड में तीन और चार IAS है. हमारी तरफ से केंद्र सरकार को कोई भी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं भेजा गया है. योजना को लेकर सारे डॉक्यूमेंट सार्वजनिक हैं. आरोप लगाने वालों पर मानहानि का केस दर्ज कराने को लेकर लीगल सलाह ली जा रही है. जरूरत पड़ी तो मानहानि का केस दर्ज करूंगा.
कांग्रेस आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टंडन, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह आरोप लगाया था. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि, बिना पैसे खर्च किए केंद्र को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजा गया. केंद्र सरकार की जनजातीय कार्य मंत्रालय ने साल 2019 – 2020 में प्रदेश के नवनिर्वाचित पंचायत राज प्रतिनिधियों के कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग के लिए आई हुई राशि में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.
यह पैसे आदिवासी वर्ग के प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के लिए आरक्षित थे. पर इस ट्रेनिंग में गैर आदिवासियों को प्रशिक्षण देकर बजट को ठिकाने लगा दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सिर्फ 3 जिलों में ट्रेनिंग दिखाई गई हैं. ट्रेनिंग में दर्जनों ग्राम पंचायत के कर्मचारियों को ट्रेनिंग की जानकारी ही नहीं थी.