इंफाल: हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने और उनके साथ यौन हिंसा की घटना ने हर किसी को परेशान कर दिया है. घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई. इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस घटना के विरोध में राज्य में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं. चुड़ाचांदपुर में गुरुवार को भीड़ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. हजारों लोग काले कपड़े पहनकर जमा हो गए हैं. वे नारेबाजी करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि 26 सेकंड के वायरल फुटेज में दिख रहे एक शख्स को थौबल जिले से गिरफ्तार किया गया है. बाकियों की तलाश की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, इस शख्स को ही घटना का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. पुलिस उससे उसके साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है.
दिल को दहला देने वाला वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जनता को आश्वासन दिया कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा. उन्हें मौत की सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा. सीएम ने बताया कि घटना की जांच करने और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई पुलिस यूनिट गठित की गई हैं.
बीरेन सिंह ने गुरुवार को ट्वीट किया, “उन दो महिलाओं के प्रति मेरा दिल दुखी है. उनके साथ बेहद अपमानजनक और अमानवीय काम किया गया.” मामले की गहन जांच चल रही है. पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
प्रधानमंत्री बोले- मेरा दिल क्रोध से भरा है
इस मामले पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है. ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है. मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है.’
उन्होंने कहा- ‘मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें. माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं. हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है.’
SC ने कहा-यह संविधान का सबसे घृणित अपमान
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर हम बहुत परेशान हुए हैं. हम सरकार को वक्त देते हैं कि वो कदम उठाए. अगर वहां कुछ नहीं हुआ तो हम कदम उठाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं. सीजेआई ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है. मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.