नई दिल्ली। मणिपुर में महिलाओं के साथ गैंगरेप और अत्याचार के एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस घटना की समाज के हर तबके ने निंदा की है। इस बीच केंद्र सरकार ने ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्टम को एक आदेश जारिया है। दो मणिपुरी महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो को शेयर नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य है। मामले की अभी जांच चल रही है।
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी है। ‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फॉरम’ (आईटीएलएफ) के गुरुवार को प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है।
आईटीएलएफ के एक प्रवक्ता के मुताबिक, “घृणित’ घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है और वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं और उनसे मन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रवक्ता ने “घृणित कृत्य” की निंदा करते हुए एक बयान में मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अपराध का संज्ञान लें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।