गरियाबंद। प्राकृतिक और वनांचल क्षेत्रों से आच्छादित गरियाबंद जिले के राजिम गरियाबंद मार्ग में स्थित बारूका गांव में चिंगरापगार जलप्रपात पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। राजधानी रायपुर जाने वाले मार्ग में गरियाबंद से 13 किलोमीटर की दूरी बारूका गांव में चिंगरा पगार जलप्रपात स्थित है। यह जलप्रपात चारों दिशाओं से घनी जंगल ऊंची पहाड़ों एवं प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है।
यह झरना कचना धुरवा एवं बारुका के जंगलों पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 110 फीट ऊंचा है, जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है। चिंगरा पगार जलप्रपात की सुंदरता का आनंद लेने के लिए सैलानी छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों से भी आते हैं।
चिंगरा पगार जलप्रपात में पर्यटकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बरसात के मौसम के लगते ही यहां का जल स्तर काफी बढ़ जाता है, जिसके कारण यह जलप्रपात का नजारा और भी आनंदमयी प्रतीत होता है।
जलप्रपात स्थल को पर्यटकों के सुविधा के लिए संवारने तथा प्राकृतिक स्थल में स्वच्छता बनाए रखने के लिए कलेक्टर आकाश छिकारा ने आज विशेष पहल की। जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने चिंगरापगार जलप्रपात स्थल को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया। लगभग 200 लोगों ने संयुक्त रूप से जलप्रपात स्थल में पहुंचकर आज सुबह सफाई अभियान चलाया।
इस दौरान कलेक्टर आकाश छिकारा, डीएफओ मणिवासगन एस और जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने भी हाथ में झाड़ू थाम कर साफ सफाई करने आगे आये। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत स्वच्छता के इस अभियान में शामिल सभी लोगों ने चिंगरापगार पर्यटन स्थल में पॉलीथिन, प्लास्टिक, बॉटल, पॉलिथिन एवं अन्य कचरे को साफ किया।
इस दौरान कलेक्टर छिकारा ने कहा कि प्राकृतिक स्थलों एवं पर्यटन स्थलों को सुरक्षित एवं स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रकृति द्वारा दिए गए चीजों का सदुपयोग करना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने, उन्हें प्राकृतिक रूप से संरक्षित रखने और पर्यावरण जागरूकता में भागीदारी निभाने की अपील लोगों से की।
इस दौरान कलेक्टर छिकारा ने जलप्रपात स्थल में पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने से संबंधित सूचना बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर छिकारा ने चिंगरापगार जलप्रपात में विहंगम दृश्य से परिपूर्ण प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेने के अलावा सावधानी भी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चिंगरापगार पर्यटन स्थल सार्वजनिक जगह है। वहां पर नशीली चीजों को ना ले जाए। साथ ही नशीली पदार्थ का सेवन ना करे। इसके अलावा कलेक्टर ने बारिश के मौसम में जलप्रपात स्थल में फिसलन भरी चट्टानों से भी सावधान रहने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि बारिश के कारण पत्थरों में शैवाल उग आते हैं, जिसके कारण पत्थर में फिसलन आ जाती है। पत्थर पर चलने से फिसल कर गिरने का खतरा बना रहता है। इसलिए सावधानी और सतर्क होकर जलप्रपात स्थल पर जाएं।
इस दौरान अपर कलेक्टर अविनाश भोई, संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत, तीर्थराज अग्रवाल, एसडीएम भूपेन्द्र साहू, जनपद सीईओ नरसिंग ध्रुव, जिला कोषालय अधिकारी बी.के. तिवारी, मीडियाकर्मी सहित जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे.