नई दिल्ली . दिल्ली के बाढ़ एवं सिंचाई विभाग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि टीमें अलग-अलग इलाके में नजर बनाए हुए हैं.
उन्होंने रविवार को दिल्ली में बाढ़ की आशंका को देखते हुए तैयारियों का जायजा लिया. वह वजीराबाद जल शोधन संयंत्र भी गए, जो पिछली बार बाढ़ का पानी भरने से बंद हो गया था. उन्होंने दावा है कि इस बार पानी बढ़ा तब भी संयंत्र चलता रहेगा.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि एक बार फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है. इस वक्त यमुना का जलस्तर 206 मीटर पर है, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है. उन्होंने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से लगातार 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते जलस्तर बढ़ा है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. उन इलाकों में भी नजर रखी जा रही है, जहां पिछली बार पानी भर गया था. कुल 60 टीमें इसके लिए लगाई गई है. उन्होंने बताया कि पिछली बार यह स्तर 208 मीटर के ऊपर तक गया था, जिस कारण वजीराबाद, ओखला, और चंद्रावल जल शोधन संयंत्र बंद हो गए थे. इस पर ऐसा नहीं होगा.
यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविरों में ठहरने की व्यवस्था बढ़ा दी गई है. दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग द्वारा स्थापित किए गए राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों के लिए की गई व्यवस्थाएं अगले चार से पांच दिनों तक जारी रहेंगी. अभी मौजूदा समय में 15 हजार से अधिक बाढ़ पीड़ित राहत शिविरों में रहे हैं.
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आने तक राहत शिविरों का संचालन जारी रहेगा. वहीं, दिल्ली नगर निगम की ओर से भी इन शिविरों में दी जाने वाली सहायता व सुविधा भी जारी रहेगी. इस बाबत निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राहत शिविर राजस्व विभाग द्वारा स्थापित और प्रबंधित किए जा रहे हैं. राजस्व विभाग की तरफ से राहत शिविरों में पीड़ितों के लिए निगम की व्यवस्थाओं को जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं. बीते दिनों में निगम ने राहत शिविरों में पीड़ितों के लिए मोबाइल डिस्पेंसरियों का भी प्रबंधन किया था. निगम द्वारा राहत शिविरों में ओपीडी की सुविधा और स्वास्थ्य वार्ता का भी आयोजन किया गया. साथ ही ओआरएस पैकेट भी वितरित किए गए. इसके अलावा कई जरूरत के सामान भी आरडब्ल्यूए के साथ यमुना बाढ़ पीड़ितों को बांटे गए, जिनमें टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन आदि शामिल हैं. महिलाओं को साड़ी और सेनेटरी पैड भी बांटे गए. निगम के बाढ़ प्रभावित जोन में कुल 33 राहत शिविर बनाए हैं.