संसद में मणिपुर पर घमासान, विपक्ष के गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार ने बनाई रणनीति

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा पर चर्चा को लेकर संसद में घमासान मचा है. मॉनसून सत्र शुरू होने के तीसरे दिन सोमवार को भी विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया. मणिपुर पर चर्चा को लेकर विपक्ष पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है. विपक्ष का कहना है कि पहले पीएम मणिपुर पर बयान दें, फिर चर्चा शुरू होगी. हालांकि, सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि मणिपुर पर तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ही बोलेंगे. ऐसे में सरकार और विपक्ष अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं.

संसद में गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार ने रणनीति बदली है. गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा को तैयार है. इसके बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, टीएमसी के सुदीप बंधोपाध्याय और डीएमके के टीआर बालू समेत विपक्ष के शीर्ष नेताओं से फोन पर बात की. पीएम मोदी के साथ भी वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक हुई. वहीं, विपक्ष ने भी मीटिंग की है.

बता दें कि संसद में मॉनसून सत्र के तीसरे दिन मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की. हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों को 25 जुलाई (मंगलवार) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिले. दोनों नेताओं ने साफ किया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है. मणिपुर पर गृहमंत्री अमित शाह ही बोलेंगे. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में पहले भी भीषण हिंसा हो चुकी है. साल 1993 और 1997 में ऐसी ही हिंसा हुई है. एक बार को संसद में चर्चा भी नहीं हुई. एक बार गृह राज्य मंत्री ने बयान दिया था. सरकार का मानना है तब किसी गृहमंत्री ने राज्य का दौरा तक नहीं किया था और संसद में चर्चा के दौरान पीएम ने हस्तक्षेप किया था. हालांकि, विपक्ष पीएम से मणिपुर पर बयान देने की मांग पर अड़ा है.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार संसद में अपने जवाब को केवल मणिपुर तक सीमित रखेगी. विपक्षी राज्यों में हो रही हिंसा का जिक्र नहीं होगा. हालांकि, सरकार को लगता है कि विपक्ष अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा. इसके पीछे विपक्ष की चुनावी मजबूरी है. इसीलिए सरकार अब अपने विधायी कार्य को निपटाने पर ज़ोर देगी. अगर हंगामे के बीच ही बिल पारित कराने पड़े, तो कराए जाएंगे. केंद्र सरकार मॉनसून सत्र में 31 बिल ला रही है. इनमें 21 नए बिल हैं. 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं. उन पर चर्चा होगी. मॉनसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा.

वहीं, मणिपुर में अभी हालात नियंत्रण में हैं. पिछले 15 दिनों में हिंसा में किसी की मौत नहीं हुई है. वहीं, मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने और गैंगरेप के वायरल वीडियो वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लिया है. पूरे मामले पर 28 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है.

विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर एक रणनीति बनाई है. मंगलवार को संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले INDIA गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे. इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे. मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है.

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