महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज पीठाधीश्वर श्री शिवरीनारायण मठ राघव मित्र मंडल के द्वारा हरीकुंज शिवरीनारायण में आयोजित शिव महापुराण की कथा श्रवण के लिए उपस्थित हुए। उन्होंने व्यासपीठ पर विराजित आचार्य जी का शाल श्रीफल से सम्मान किया आचार्य जी ने भी उनका अभिवादन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर अपने आशीर्वचन संदेश में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि माता शबरी की जन्मभूमि और भगवान शिवरीनारायण की पावन धरा में पुरुषोत्तम मास में शिव महापुराण की कथा का आयोजन राघव मित्र मंडल के द्वारा किया गया है जो कि सराहनीय है। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर जी का परिवार विविधताओं से परिपूर्ण है नंदी, सिंह ,मूषक, नाग, मयूर ये सभी उसके परिवार के गण हैं, इनमें से किसी का भी किसी से मेल नहीं खाता किंतु अनेकता में एकता भगवान शिव के परिवार की विशेषता है,इनके परिवार के सभी सदस्यों की पूजा होती है उनका श्रृंगार सर्प है नाग पंचमी आ रहा है हम उनकी भी पूजा करते हैं,यहां तक कि उनके आयुधों का भी पूजा अर्चना सभी सनातन धर्मावलंबी किया करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्राम दिवस पर सही लेकिन आप सबके बीच उपस्थित होने का सौभाग्य मुझे मिला यह भगवान शिव की असीम कृपा है। व्यास पीठ से आचार्य रमाकांत जी महाराज ने कहा कि यज्ञ में सद् पुरुषों का, संतों का आगमन यज्ञ की संपूर्णता का द्योतक है। महाराज जी ने यहां पधार कर हम सभी पर बहुत बड़ी कृपा की है हम उनके आभारी हैं। इस अवसर पर कथा श्रवण करने के लिए राजेश्री महन्त जी महाराज के साथ मुख्तियार सुखराम दास जी, पुरेंद्र सोनी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित नगर के गणमान्य जन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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