रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन (Raisen) जिले में जिला स्वास्थ्य समिति, जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक होटल में मीडिया कार्यशाला (Media Workshop) आयोजित किया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान (Mission Indradhanush Campaign) की कार्ययोजना, उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। जिले में 7अगस्त से 12 अगस्त तक अभियान का पहला चरण होगा। कार्यशाला में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सोमन दास, आरएमओ जिला अस्पताल डॉ. यशपाल सिंह बाल्यान विशेष रूप से मौजूद रहे।
सीएमएचओ डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान 0 से 5 साल तक के बच्चे और गर्भवती महिलाओं के जो टीके छूट गए थे, उन्हें ऑनलाइन के जरिए टीके लगाए जाने की विभाग द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है। मिशन इंद्रधनुष अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा। इसमें आशा कार्यकर्ताओं, मैदानी स्वास्थ्य अमले, स्टाफ नर्स और एएनएम को फिर से टीकाकरण के लिए मौजूद किया जाएगा। इसके लिए यूएएल पोर्टल पर ऑनलाइन जानकारी भी फीड की जाना है। पोर्टल पर सूची तैयार कर ली गई है।
बताया गया कि जिले के साढ़े 4 हजार बच्चे टीकाकरण से छूट गए हैं। इसके लिए 72 टीकाकरण केंद्र पर 212 वेक्ससिनेशन वालेंटियर्स की मदद ली जाएगी। दस्तक अभियान में 12 तरह के इंजेक्शन लगाए जाने हैं। जो मजदूरी रोजी रोटी के लिए पलायन कर रायसेन जिले में आए हैं उनके बच्चों के लिए भी टीके लगाए जाएंगे। 0 से 5 साल तक के बच्चों को मीजल्स रूबेला बीमारी से देश के पीएम ने दिसंबर 2023 तक मुक्त करने की ठानी है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सोमन दास ने बताया कि 0 से 1 वर्ष तक के बच्चे 1 हजार 836 हैं। 1 से 2 साल तक के बच्चों की संख्या 1 हजार 395 है। 2 से 5 साल तक के बच्चों की संख्या 1 हजार 213 है। गर्भवती महिलाओं की संख्या 794 हैं, जिन्हें तीन चरणों में टीके लगाए जाने हैं। एनपीसी कार्ड के माध्यम से शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य बनाया गया है। 794 महिलाओं को पहला और दूसरा इंजेक्शन डोज लगाए जाएंगे।