रायपुर. छत्तीसगढ़ में वापस सत्ता में आने के लिए भाजपा ने अलग तरह की रणनीति बनाई है। इतिहास में पहली बार दूसरे राज्यों के विधायकाें काे एक-एक सप्ताह के लिए विधानसभाओं में भेजा जा रहा है। ये विधायक 20 से 27 अगस्त तक दौरे पर रहेंगे। विधायक विधानसभाओं में भाजपा की स्थिति की आंकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन काे देंगे।
छत्तीसगढ़ सहित जिन राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं, उसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने एक बड़ी रणनीति बनाई है। इन राज्यों में दूसरे राज्यों के विधायकों को एक सप्ताह के लिए भेजा जा रहा है। ये विधायक राष्ट्रीय संगठन के निर्देश पर वहां पर एक सप्ताह तक काम करने के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन को देंगे। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभाओं का जिम्मा असम, कर्नाटक, बंगाल और बिहार के विधायकों को दिया गया है। ये विधायक यहां पर 20 अगस्त को आएंगे और 27 अगस्त तक रहेंगे।
भाजपा ने इस साल छत्तीसगढ़, राजस्थान, मप्र और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अलग तरह रणनीति पर काम करना प्रारंभ किया है। भाजपा चारों राज्यों में चुनाव जीतना चाहती है। भाजपा का बड़ा फोकस छत्तीसगढ़ पर है। यही वजह है कि यहां पर चुनावी कमान खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने संभाल रखी है। वे लगातार यहां के लिए रणनीति बना रहे हैं। उनकी बनाई रणनीति को सार्वजनिक करने की भी कड़ाई के साथ मनाही है। यही वजह है कि भाजपा के दिग्गज नेता भी कुछ नहीं बोल रहे हैं।
जिन विधायकों को जिम्मा दिया जा रहा है, उनको अपने जिम्मे वाली विधानसभा में पूरे एक सप्ताह तक रहना है। वे वहां पर रहकर क्या काम करेंगे, यह सब राष्ट्रीय संगठन तय करेगा। अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है कि ये विधायक वहां पर क्या काम करेंगे। ऐसा माना जा रहा है, ये विधायक हर विधानसभा में भाजपा की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी लेंगे। इसी के साथ वहां के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से जानने का प्रयास करेंगे कि विधानसभा में भाजपा के कौन से नेता की क्या स्थिति है। ये विधायक अपनी पूरी रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रीय संगठन को देंगे। इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही संगठन फैसला करेगा।
राष्ट्रीय संगठन ने जो रणनीति बनाई है, उसमें ऐसे राज्यों के विधायकों को ही चुनावी राज्यों में भेजा जा रहा है, जहां पर चुनाव नहीं है। जिन राज्यों में चुनाव है, राज्यों के विधायकों को अपने ही राज्य में रहने के लिए कहा गया है, उनको दूसरे राज्यों में काम करने के लिए नहीं भेजा जा रहा है।