नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद हर किसी के मन में एक ही सवाल गूंज रहा है कि आखिर राहुल गांधी की सदस्यता कब बहाल होगी। वह संसद में कब आएंगे?
इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार तक संसद में लौटने के पात्र हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है। इससे सदन में उनकी सदस्यता बहाल का मार्ग प्रशस्त कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि लोकसभा सचिवालय को पहले एक नोटिस जारी करना होगा जिसमें कहा जाएगा कि अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी का निलंबन हटा दिया गया है।
कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद ही लोकसभा सचिवालय निलंबन रद्द करने पर विचार करेगा। लोकसभा के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने का अनुरोध करते हुए कहा किआदेश का अध्ययन किया जाएगा और फिर निर्णय लिया जाएगा।
इस बात की संभावना है कि राहुल गांधी लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास पर मंगलवार को शुरू होने वाली दो दिवसीय बहस से एक दिन पहले संसद में लौट सकते हैं। इसके बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब होगा। इस प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं है। विपक्ष ने कहा है कि वह मणिपुर में जारी हिंसा पर सरकार को घेरने की कोशिश के लिए बहस का इस्तेमाल करना चाहता है।
आपको बता दें कि इससे पहले 20 जुलाई 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। उस प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी सत्ता पक्ष की ओर बढ़े और पीएम मोदी को गले लगाया।
राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाते हुए न्यायमूर्ति बीआर गवई और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि राहुल गांधी को उनकी सार्वजनिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए टिप्पणी करने में अधिक सावधान रहना चाहिए था। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उन्हें केवल दो साल की जेल की सजा के कारण सांसद के रूप में अयोग्य ठहराया गया था। सजा एक दिन भी कम होने पर उनकी सदस्यता बच जाती। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की सजा पर रोक तब तक लागू रहेगी जब तक कि गुजरात सेशन कोर्ट में उनकी अपील लंबित है।
बुधवार को एक हलफनामे में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह 2019 में एक चुनावी रैली में अपनी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्णेश मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को खत्म करने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सजा टिकाऊ नहीं है। इस सजा पर रोक के साथ राहुल गांधी को अगले साल होने वाले लोकसभा लड़ने की भी अनुमति मिल जाएगी।