छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बैरनबाजार स्थित सांई सुश्रुषा अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मंगलवार सुबह पैदा हुई जुड़वां बच्चियों को अस्पताल प्रबंधन ने मरा हुआ बताया, लेकिन इनमें से एक बच्ची के शरीर में पैकिंग के समय मूवमेंट हो गई, जिससे पता चला कि बच्ची जिंदा है। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, बैरनबाजार स्थित सांई सुश्रुषा हॉस्पिटल में समता कॉलोनी के रहने वाले अंजनी सारस्वत ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया। मंगलवार तड़के 3 बजे पत्नी ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। अस्पताल प्रबंधन ने पिता को बताया कि डिलीवरी प्री-मैच्योर है। डिलीवरी के दौरान एक बच्ची की मौत हो चुकी है और दूसरी बच्ची भी अपनी अंतिम सांसें गिन रही है। थोड़ी देर के बाद डॉक्टर ने दूसरी बच्ची को भी मृत घोषित कर दिया। जुड़वां बच्चियों की मौत की खबर सुनकर अंजनी सारस्वत के परिचित और परिवार वाले भी अस्पताल पहुंच गए.
इधर अस्पताल प्रबंधन ने दोनों बच्चियों के शव को लपेटने के लिए कफन लाने की बात परिजनों से की। पिता बच्चियों को दफनाने के लिए कपड़ा लेकर पहुंचे। मृत बच्चियों को पॉलिथिन में पैक किया ही जा रहा था कि इनमें से एक बच्ची के शरीर में मूवमेंट हुई। पिता ने बच्ची के शरीर में हलचल देखकर तुरंत डॉक्टर को बताया। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
जब परिजनों ने डॉक्टर पर एक बार फिर बच्ची की जांच करने का दबाव बनाया, तो उसकी जांच की गई। इसमें पता चला कि बच्ची जिंदा है। ये बात चलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने अस्पताल की डॉक्टर मोनिका पाठक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इधर अस्पताल में हंगामे की खबर सुनकर सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। परिजनों ने आरोपी डॉक्टर मोनिका पाठक पर FIR दर्ज करने की मांग की है।