जिला-जनपद पंचायत कर्मचारी संघ ने मांगी शासन से संविलियन, तीस सालों से जारी है संघर्ष

रायपुर के टिकरापारा में श्री हरदेव लाला मंदिर के सभाकक्ष में पूरे प्रांत के जिला एवं जनपद पंचायत कर्मचारियों की प्रांतीय बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें संघ के प्रांताध्यक्ष नंदलाल साहू एवं संघ के प्रांतीय सचिव बी.आर. साहू, संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष संतोष सोनी एवं सत्येन्द्र सिन्हा ने अपने उदबोधन में संयुक्त रूप से बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाये गए छत्तीसगढ़ पंचायत (भर्ती तथा सेवा शर्त) नियम 1999 में बनाए गए प्रावधान अनुसार जिला एवं जनपद पंचायतों में कर्मचारियों की नियुक्ति गठित समिति के माध्यम से किया जाता है। छ.ग. पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 131 में जिला/जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को वेतन, भत्ते, पेंशन एवं सेवानिवृत के लाभ दिये जाने का प्रावधान भी उल्लेखित है। शासन द्वारा स्वीकृत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं के अंतर्गत जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में सेटप के अनुसार 1703 पद सृजित है। परन्तु वर्तमान में उक्त स्वीकृत पदों के विरूद्ध लगभग 800 एक भरे हुए हैं। वर्तमान में जनपद सर्व जिला पंचायत के कर्मचारियों को वंशदान भविष्य निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है किन्तु शासन के स्पष्ट नियम नहीं बनाने के कारण सेवानिवृत्ति पश्चात पेंशन के लाभ से वंचित है।
पंचायती राज व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण के अंतर्गत जिला एवं जनपद पंचायतों को अधिकारों के प्रत्यायोजन के अंतर्गत 23 से भी ज्यादा विभागों के कार्य/योजना के सुचारू संचालन हेतु महती भूमिका दी गई है। जिसके तहत शासकीय विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ समेकित प्रयास से जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारीगणों के द्वारा भी समान रूप से शासन के कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। लेकिन बेहद आश्चर्य एवं सत्य यह है कि समान जिम्मेदारी एवं समान कार्य करने वाले शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को शासन की समस्त सुविधायें वेतन भत्ते तथा पेंशन प्राप्त होती है। किन्तु इन्हीं शासकीय कर्मचारियों के साथ-साथ एक समान कार्य करने वाले जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को पेंशन से वंचित रखा गया है, जो मानवीय दृष्टिकोण से अत्यंत कष्टप्रद है तथा हम अपने आप को उपेक्षित महसुस करते है। यहां तक की महात्मा गांधी के पंचायत के सपने को पूरा करने वाले हम जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारियों की स्थिति खुद निराश्रित पेंशन पाने लायक तक नहीं रह जाती है जो कि वर्तमान शासन व्यवस्था में अत्यंत वेदनाकारी है।
शासकीय कर्मचारियों की भांति जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कर्मचारियों को शासकीय वेतनमान दिया जा रहा है, किन्तु पतन जनपद निधि में प्राप्त स्टाम्प शुल्क की राशि तथा जिला पंचायत में सामान्य प्रयोजन हेतु प्राप्त राग में देय होती है, किन्तु जिस आधार पर स्टाम्प शुल्क की राशि जनपद पंचायतों को प्रदाय की जाती है उसमें कुछ जनपदों को कर्मचारियों के वेतन भत्ते हेतु पर्याप्त राशि नहीं मिलती, जिसके कारण पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 131 में उल्लेखित लाम कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है।
सन् 1981 से 1009 के बीच जनपद पंचायत के अधिकारी/ रहे डॉक्टर कम्पाउंडर वाटरमैन एवं शिक्षण आदि को शासन द्वारा पूर्व में ही संबंधित विभाग में संविलियन कर लिया गया है किन्तु जिला-जनपद पंचायत में पदस्थ लिपकीय केडर एवं नृत्य को संविलियन से वंचित रखा गया है, जिस पर शासन की संवेदनशीलता का आग्रह है। वर्तमान में छ.ग. शासन द्वारा मत्स्य कृषक विकास अभिकरण के कर्मचारियों को मछली पालन विभाग में तथा जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों द्वारा जिन शिक्षक (पंचायत) संवर्ग की नियुक्ति की गई थी। उन शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों का शासन द्वारा जुलाई 2015 में शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है।
आज इस प्रांतीय बैठक में आप लोगों के माध्यम से छ.ग. शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं पंचायत मंत्री रविन्द्र चौबे से करबद्ध निवेदन करते हैं। कि छ.ग. शासन जिला-जनपद कर्मचारियों जिसकी संख्या वर्तमान में लगभग 900 मात्र है पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सविलियन कर अनुग्रहित करें। बैठक में उपस्थित सेवानिवृत्त कर्मचारी हाईकोर्ट में जाने का निर्णय लिया है। तथा पूरे राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सम्मान किया गया।
प्रांतीय बैठक में प्रमुख रूप से डी.के. महोबिया संयोजक, नंदलाल साहू, बी आर साहू, प्रांतीय सचिव संतोष नारी, सत्येन्द्र सिन्हा, कार्यकारी प्रांता जेड हसन बलौदा बाजार भाठापारा, प्रमोद बीमारी जिला शाखा अध्यक्ष जगलदपुर अरविंद पाठक जिला शाखा अध्यक्ष कोण्डागांव रामधनी सिंह, सूरजपुर, राकेश वर्मा, तिल्दा जी.पी दुबे, दीपक श्रीवास्तव उपप्रांताध्यक्ष बी.डी. शर्मा, मिर्जा इश्तियाक बेग, विधिक सलाहकार दुर्गेश यदु, प्रचार मंत्री नीलमणी दुबे धरसींवा, एस.बी. सिंह जशपुर, डी.आर. साहू संगठन मंत्री सहित पूरे प्रांत के जिलाध्यक्ष एवं जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संतोष सोनी कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जांजगीर-चांपा द्वारा किया गया।

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