शासकीय सेवक बिना तलाक लिये दूसरा विवाह करे तो सेवा समाप्ति के लिये तैयार रहे।

सामाजिक तलाक पूर्णतः असंवैधानिक है।

कोई भी समाज दूसरी शादी की अनुमति देता है तो सख्त कार्यवाही के लिये तैयार रहे।

आवेदिका के बच्चे की कस्टडी के प्रकरण को आयोग ने बाल संरक्षण अधिकारी को सौंपा।

8 माह की गर्भवती पत्नि से माफी मांगा उसे कल जिला पंचायत अध्यक्ष के समक्ष समझौता पश्चात् घर भेजा जायेगा।

गरियाबंद. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य डॉ. अनिता रावटे द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष गरियाबंद में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की गई। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 206वीं जनसुनवाई हुई। जिला स्तर मे 5वीं सुनवाई हुई। गरियाबंद जिला के आज जनसुनवाई में कुल 18 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। कार्यवाही में श्रीमती स्मृति नीरज ठाकुर अध्यक्ष जिला पंचायत गरियाबंद, श्रीमती मधुबाला रात्रे सभापति महिला एवं बाल विकास, श्री अशोक कुमार पाण्डेय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, परियोजना अधिकारी श्री चन्द्रहास साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मिशन वात्सल्य, श्रीमती लता पटेल संरक्षण नवा बिहान, केन्द्र प्रशासक सखी वन स्टॉप सेंटर उपस्थित रहे।

आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य सुलह नामा तैयार करवाया जायेगा। सुलहनामा तैयार करने के लिए केन्द्र प्रशासक सखी वन स्टाप सेंटर गरियाबंद को जिम्मेदारी दी गई। दोनो पक्षो को बुलाकर स्टाम्प में सुलह नामा तैयार होने के बाद एक माह के अंदर आयोग कार्यालय रायपुर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया गया कि अनावेदक क. 02 की पत्नि के द्वारा दो जगह से निवास प्रमाण पत्र बनाया गया था इसलिये उसको निरस्त करके मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में आवेदिका को काम पर रखा गया। इस वजह से आवेदिका को अनावेदकगण परेशान करते है। आवेदिका को समझाईश दिया गया कि भविष्य मे उसे अनावेदकगण परेशान किये तो आवेदिका थाना पिपरछेड़ी में जाकर FIR दर्ज करा सकेगी।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के साथ आर्य समाज रायपुर मे विवाह हुआ और अनावेदक सहायक ग्रेड 2 के पद पर कलेक्टर कार्यालय के तहसील आफिस रायगढ़ में पदस्थ है। 54,000 वेतन पाता है और उसकी पहली पत्नि से तलाक नही हुआ है और उसके दो बच्चे है। और सरकारी नौकरी में रहते हुए सारे नियम जानते हुए आर्य समाज में झूठा हलफनामा देते हुए स्वयं को अविवाहित बताकर विवाह किया । यह विवाह अवैध व शून्य है। आवेदिका ने अपने आवेदन में लिखा है कि 14 माह तक शारिरिक शोषण किया है। और आवेदिका यदि चाहती है पहली पत्नि से तलाक से हो जायेगा कहकर अनावेदक ने विवाह किया था । अनावेदक के खिलाफ सिविल सर्विस के तहत विभागीय कार्यवाही किये। जाने की अनुशंसा किया जाना आवश्यक है। इस प्रकरण में सुनवाई रायपुर आयोग ने किया जावेगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका का विवाह 3 वर्ष पूर्व हुआ था और उसका डेढ़ साल का बच्चा है। आवेदिका पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर सामाजिक बैठक में पति पत्नि को अलग कर आवेदिका से तलाक लिये बगैर दूसरी महिला से विवाह कर लिया गया और आवेदिका के डेढ़ वर्ष के बच्चे का भी रख लिया गया है। इस प्रकरण को रायपुर सुनवाई में शीघ्रता पूर्वक रखा जाना आवश्यक है। आगामी सुनवाई तिथि में डेढ़ वर्ष के बच्चे एवं अपने परिवार के साथ आगामी सुनवाई तिथि में उपस्थिति हेतु निर्देशित किया गया।एक अन्य प्रकरण में आवेदिका 8 माह की गर्भवती है और अनावेदक के द्वारा गर्भावस्था में मारपीट करने की शिकायत कराई थी जिसमें अनावेदक द्वारा सभी के सामने माफी मांगा गया। चूकि आवेदिका गर्भवती है और आवेदिका को तनाव देना उचित नही और आवेदिका के माता पिता ससुराल भेजने के लिए तैयार है। किन्तु इस मामले में सुलहनामा तैयार किया जाना उचित होगा। मामला सखी सेंटर के सुपुर्द को किया जाता है।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने 12 वर्ष के बच्चे जो वर्तमान मे अपने चाचा एवं दादी के पास रहता है। प्रकरण में आवेदिका ने 25.02.2023 को दूसरा विवाह किया गया है। ऐसी स्थिति में बच्चे के सुरक्षार्थ को देखते हेतु जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकरण को सौपा गया। बच्चे के मामले में संपूर्ण कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से 2 माह के अंदर आयोग में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। ताकि प्रकरण में अंतिम निर्णय लिया जा सके।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसकी जमीन पर अनावेदक द्वारा बेजा कब्जा कर रखा है और उसे बोने खाने नही दे रहा है इस स्तर पर राजस्व निरीक्षक तहसील जिला गरियाबंद को इस प्रकरण के दस्तावेजों को जांच करने के लिए नियुक्त किया जाता है। सखी सेंटर की केन्द्र प्रशासक द्वारा कृत कार्यवाही कर रिपोर्ट की कापी 2 माह के अंदर आयोग को रिपोर्ट की कापी प्रस्तुत करने कहा गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उनका पति मिडिल स्कूल में शिक्षक वर्ग 2 के पद सरकारी पद पर पदस्थ है। उनका वेतन 60 हजार रू. है। और अनावेदक ने आवेदिका से तलाक लिये बगैर दूसरा विवाह कर लिया गया है जिसका 7 माह का बच्चा है और पत्नि रायपुर में रहती है वह एनसीसी डिपार्टमेंट कोटा में चतुर्थ श्रेणी के पद पर पदस्थ है। जिसका वेतन 20 हजार रू. है। अनावेदक बहुत अच्छे तरह से जानता है कि दूसरा विवाह करना अपराध है । सिविल सेवा आचरण के तहत उसका और दूसरी पत्नि की भी नौकरी जा सकती है। इस प्रकरण स्थानांतरित किया जाता है।

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