रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों में GST की समस्या बढ़ गई है, ये आरोप है बिल्डर्स एशोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) का.
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के स्टेट चेयरमैन कंवलजीत सिंह ओबेरॉय, सेंटर चेयरमैन रायपुर रूपेश सिंघल, हरसिमरन सिंह ओबेरॉय ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में कहा कि राज्य शासन से मांग कर पूर्व में निर्माण में जीएसटी 12 प्रतिशत लागू किया गया था जिस समय वैट हटाकर जीएसटी लागू किया गया, उस समय चल रहे कार्यों में जीएसटी 12 प्रतिशत व वैट 5 प्रतिशत की फर्क की राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया गया है.
पिछले वर्ष जीएसटी 12 प्रतिशत के स्लेब को बदलकर 18 प्रतिशत कर दिया गया. लेकिन लोक निर्माण विभाग अंतर की 6 प्रतिशत की राशि का भुगतान नहीं कर रहा है. इस संबंध में कुछ ठेकेदार उच्च न्यायालय की शरण में गये जिसमे उच्च न्यायालय द्वारा 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत जीएसटी के अंतर की राशि की गणना कर भुगतान करने आदेश पारित किया गया, पर कई विभाग इसमे रूची नही ले रहा है.
जबकि केन्द्र के सभी विभागो में एवं छत्तीसगढ़ के अन्य विभागो में अंतर की राशि का भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय निर्माण विभाग, पीएमजीएसवॉय, एमएमजीएसवॉय ने निविदा में जीएसटी की गणना अलग से की जाती है. परन्तु लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागों में नही कि जाती है. अंतर की 6 प्रतिशत राशि का भुगतान सुनिश्चित करते हुए निविदाओं में जीएसटी की राशि की गणना अलग से करने का प्रावधान करने की मांग राज्य शासन से की है. एशोसिएशन की मांग है कि अनुबंध में निहित प्रावधान के तहत चल देयक से सरकारी दर पर रॉयल्टी राशि काटकर खनिज विभाग में जमा करते हुए ठेकेदारों का भुगतान करे जिससे छत्तीसगढ़ के विकास में सलग्न ठेकेदार जो कार्य में दिन रात जुटे हुए है इनका भुगतान हो सके व निर्माण कार्य गुणवत्ता से निर्वाध चले व समय सीमा में पूर्ण हो सके.