बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंण्डिया ने मांग की है कि कार्य मूल्य को अलग करते हुए जीएसटी की गणना अलग कर निविदा बुलाई जाए
रायपुर । छत्तीसगढ़ की मदर संस्था लोकनिर्माण विभाग है इसमें शुरू से ही उपयोग की जाने वाली खनिज की रॉयल्टी का सरकारी दर से लोक निर्माण विभाग कटौती कर विभाग में देती है। निर्माण कर्ता एजेंसी, ठेकेदार निर्माण सामग्री को बाजार से खरीदता है। साथ ही उसका परिवहन अपने कार्यस्थल तक करवाता है इसलिए उसकी रॉयल्टी की जवाबदारी नहीं होती बावजूद इसके निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री की मात्रा का सरकारी मूल्य पर कटौती विभाग ठेकेदार के बिल से करती है 5 गुना बाजार भाव का रेट लगाना तथ्य संगत नहीं है और इसके कारण काफी विसंगतियां पैदा हो गई हैं ठेकेदार बर्बादी के कगार पर हैं।
छत्तीसगढ़ की मदर संस्था लोक निर्माण विभाग को छोड़कर छत्तीसगढ़ के ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना राष्ट्रीय राजमार्ग में निविदाओं में जीएसटी की गणना अलग से की जाती है, जबकि विभाग ने जीएसटी की गणना अलग से नहीं की जाती नहीं उन्होंने इसका कोई प्रावधान रखा है, इसमें बीएआई की मांग है की कार्य मूल्य को अलग करते हुए जीएसटी की गणना अलग कर निविदा बुलाई जाए जिस तरह से लोक निर्माण विभाग ने 2017 जुलाई में जीएसटी 12 प्रतिशत और पूर्व में वेट लगा टैक्स 5 प्रतिशत के बीच की अंतर को राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया है, उसी तरह 2022 में केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी 12 प्रतिशत के स्लैब को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसके अंतर के 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत के बीच की अंतर की राशि का भुगतान किया जाना चाहिए, क्योंकि केंद्र के सभी निर्माण विभाग द्वारा अंतर की राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया जा रहा है और सीपीडब्ल्यूडी और एनएचएआई भारत सरकार द्वारा स्पष्ट आदेशित है कि अंतर की राशि का भुगतान किया जावे, लेकिन छत्तीसगढ़ में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है जो कि शीघ्र किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन रेड्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया का प्रदेश कार्यालय खोलने के लिए मैं अपनी ओर से सहयोग राशि की घोषणा करता हूं। साथ ही छत्तीसगढ़ के बीएआई के पदाधिकारी और संगठन के लोगों को कार्य में प्रगति लाने और सभी संभव मदद के लिए अन्य भी सहयोग दिया जाएगा।