बुजुर्ग पिता ने बेटे को जायदाद से बेदखल किया है आयोग की आड़ में संपत्ति में हिस्सा नहीं ले सकते।

आयोग की सूचना मिलने पर बैंक अधिकारी को एक दिन पहले ज्वाईनिंग लेटर दिया गया।

2 लाख रूपये भरण-पोषण देकर आपसी राजीनामा से तलाक लिया गया।

आयोग की समझाईश पर 2 वर्षीय पुत्र को मां को सौंपा गया।

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ. अनिता रावटे ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 219 वीं व जिला स्तर पर 101 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में आयोजित जनसुनवाई में कुल 25 प्रकरण में सुनवाई की गई।

प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक पर आरोप लगाया है कि यह दूसरी शादी करना चाहता है इसलिए आवेदिका व उसकी बेटी को अलग-अलग तरीक से प्रताड़ित कर रहा है और 43 साल की उम्र में दूसरी शादी करना चाहता है। पिछले 2 माह से किसी भी तरह का खर्च नहीं दे रहा है। आयोग की समझाइश दिये जाने पर अनावेदक द्वारा 20,000 रू. भरण-पोषण देना स्वीकार किया है। भरण-पोषण नहीं देने की स्थिति में कार्यवाही की जावेगी।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने जानकारी बताया कि आवेदिका ने 16 माह कार्य किय जिसका वेतन 86 हजार होता है जिसका अनावेदकगणों ने भुगतान नहीं किया। समझाइश दिये जाने पर अनावेदकणों ने सहमति जताई है कि एक सप्ताह के अंदर आवेदिका को वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा, आगामी सुनवाई में अनावेदकगण वेतन का चेक लेकर उपस्थित होंगे।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने शिकायत की है कि आवेदिका का ससुर 70 वर्षीय वृध्द है। आवेदिका के ससुर एवं जेठ ने आवेदिका को घर से बेदखल कर दिया है। आवेदिका को अपने जेठ के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराने की सलाह दी गई प्रकरण आयोग से नस्तीबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया की उसका पति इंडियन बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है 2019 से किडनी की बीमारी शुरू हुआ 2021 में दोनो किडनी फेल हुई. हफ्ते मे 2 से 3 बार डायलिसिस कराना पड़ता है। जिसकी सूचना आवेदिका ने बैंक को दिया। उसके बाद उसका ट्रांसफर चेन्नई कर दिया गया, उसका वेतन भी नहीं दिया गया. अनावेदकगणों द्वारा अलग-अलग जगह ट्रांसफर कर परेशान किया गया. अब लोन पर लिये गये घर को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर प्रताड़ित कर रहे हैं। अनावेदक क्र. 3. पाच माह से डी. जी. एम के पद पर पदस्थ है। आयोग की सूचना मिलने के बाद प्रकरण की जानकारी लेकर आवेदिका के पति को उसके निवास स्थान के पास के ब्रांच में पदस्थापना हेतु आदेश दिया गया। आवेदिका पक्ष ने इस पर सहमति जताई की पदस्थापना आदेश उन्हें मिल गया है। अनावेदक क्र. 03 अपने स्तर पर निराकरण करने के लिए समय की मांग कर रहे है। प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु नियत किया गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका न्यायालय में चल रहे भरण पोषण मामले में कुल 2 लाख रू. लेकर आपसी राजीनामा से तलाक लेने यह सभी शर्तें लिख कर आयोग में दिया है दोनों पक्षों के बीच विस्तृत राजीनामा कराया जायेगा राजीनामा होने के पश्चात् आवेदिका को उसकी सूची के अनुसार सामान दिलाया जायेगा तलाक प्रक्रिया के प्रारंभ में अनावेदक 1 लाख देगा व तलाक पूर्ण होने पर 1 लाख देगा। प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु नियत किया गया।

अन्य प्रकरण में अनावेदक ने आवेदिका को बिना तलाक दिये अन्य महिला से विवाह कर लिया है। आवेदिका को घर से निकालने के लिए अनावेदक ने षडयंत्र किया और आवेदिका पर चोरी करने का इल्जाम लगाया जिसमे परिवार के सभी लोगो अनावेदक का साथ दिया और बच्चे को छीनकर अपने पास रख लिये थे। आयोग की समझाइश पर दो वर्षीय पुत्र को आवेदिका को सौपा गया।

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