धूम्रपान व तम्बाकू निषेध संबंधी जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

अम्बिकापुर. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरएन गुप्ता के निर्देशानुसार एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ शैलेन्द्र गुप्ता के मार्गदर्शन में शुक्रवार को राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू एवं धूम्रपान निषेध संबंधी जागरूकता शिविर का आयोजन हॉली क्रॉस कन्या महाविद्यालय अम्बिकापुर में किया गया।
जागरूकता कार्यक्रम में कोटपा अधिनियम की धाराओं ने तम्बाकू के सेवन से व्यक्ति को होने वाले दुष्परिणाम को बताया गया। तम्बाकू के सेवन से होने वाले दुष्परिणाम निकट भविष्य में तंबाकू के सेवन होने वाले बिमारी श्वसन तंत्र के कैंसर, फेफड़े, संपूर्ण ऊपरी जठरांत्र संबंधी, यकृत (लीवर), अग्न्याशय, गुर्दा, मूत्राशय, मौखिक कैविटी, नाक कैविटी (गुहा), गर्भाशय ग्रीवा, आदि से समस्याओं से जुड़ा होता हैं। धुंआ रहित तंबाकू मुख कैंसर का प्रमुख कारण है। इस दौरान बताया गया कि व्यक्ति में नशे की अन्य आदतों वाले पदार्थों द्वारा गतिविधियों में सहनशीलता विकसित होती हैं। तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करें, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन और आपूर्ति और वितरण का निषेध) अधिनियम 2003 कोटपा“ के तहत प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित कराना। जागरूकता शिविर में धारा-4 सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान का प्रतिषेध, धारा-5 सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन में प्रतिषेध, धारा-6 अठारह वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और विशिष्ट क्षेत्र में सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिषेध, धारा-7 बिना विनिर्दिष्ट चेतावनी के सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों व्यापार तथा वाणिज्य तथा उनके उत्पादन, उन्होंने बताया कि तम्बाकू के धुएं में लगभग 7000 रसायन होते है जैसे एसीटोन, आर्सेनिक, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, कैडमियमनोडल के बारे में बताया गया। शिविर में बताया गया कि पूरे भारत में तम्बाकू नियंत्रण कानून 2003 को लागू करने के लिए वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई और तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे मे जनसामान्य में अधिक से अधिक जागरूकता लाया जा सके, किसी भी रूप में धूम्रपान करने वाले एक साथ 30 ऐसे रसायन ले रहे होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं। इसके अलावा स्ट्रोक व हृदयाघात की आशंका भी बढ़ जाती है, तंबाकू शरीर के लिए धीमा जहर है धीरे-धीरे व्यक्ति इसका आदी हो जाता है। उसके बाद चाहते हुए भी इस लत से छुटकारा पाने में दिक्कत होती है। व्यक्ति चाहे तो दृढ़संकल्प लाकर तम्बाकू जैसे सेवन को दूर करना संभव है। इस अवसर पर छात्राओं के द्वारा तम्बाकू रोकथाम संबंधी रंगोली एवं चित्रकला तैयार की गई, उत्कृष्ठ चित्रकला हेतु कुल 10 छात्राओं को स्मृति चिन्ह प्रदाय किया गया तथा समस्त शिक्षकगण एवं छात्राओं को शपथ दिलायी गई। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ सिस्टर सांता जोसेफ, डॉ सिस्टर मंजू टोप्पो, प्रभारी सोशन वर्क विभाग अल्मा मिंज, श्री नवीन सिंह एवं बड़े संख्या में छात्र- छात्राएं उपस्थित थी। इसके साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा चलाये जा रहे मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत छात्राओं एवं शिक्षकगण को शत प्रतिशत मतदान कराये जाने तथा आमजनों को जागरूक करने की शपथ दिलायी गई।

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