रायपुर. विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ की बची 69 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी एक तरह से फाइनल हाे गए हैं। कल या परसों केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद दूसरी सूची का ऐलान हो जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की प्रदेश के चुनिंदा पदाधिकारियों के साथ कल देर रात तक हुई मैराथन बैठक में मिशन-2023 के साथ बची 69 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों को लेकर विस्तार से लंबा मंथन किया गया। प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की कमान खुद अमित शाह ने संभाल रखी है। एक दिन पहले उनका आना हुआ, लेकिन अचानक उनके साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी जयपुर से रायपुर पहुंचे।
एक-एक प्रत्याशी के नाम पर मंथन
जयपुर से करीब एक घंटे विलंब से यहां पहुंचे श्री शाह, श्री नड्डा, श्री संतोष की कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के गद्रे भवन में प्रदेश के प्रभारी और चुनाव प्रभारी ओम माथुर, सह चुनाव प्रभारी मनसुख मंडाविया, सह प्रभारी नितिन नवीन, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह चंदेल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, महामंत्री केदार कश्यप, ओपी चौधरी और विजय शर्मा के साथ मैराथन बैठक हुई। इस बैठक में प्रत्याशियों के पैनल को सामने रखकर एक-एक विधानसभा को लेकर मंथन किया गया। इसके बाद सभी विधानसभाओं से प्रत्याशियों के नाम लगभग फाइनल कर दिए गए हैं।
चुनाव समिति की बैठक में लगेगी मुहर
यहां की बैठक में प्रत्याशियों के नाम तो फाइनल हो गए हैं, लेकिन इनके नामों पर अंतिम मुहर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में ही लगेगी। संभावना जताई जा रही है कि बैठक 30 सितंबर को रात को हो सकती है। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिलासपुर में सभा है। सभा के बाद प्रदेश के नेताओं को भी दिल्ली तलब किया जा सकता है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि यहां की बैठक में सभी के साथ बैठक में नाम फाइनल हो गए हैं तो प्रदेश के नेताओं को न बुलाकर प्रधानमंत्री के सामने नामों की सूची रखकर उनकी सहमति भी ली जा सकती है, लेकिन सब प्रधानमंत्री की मंशा पर निर्भर रहेगा, अगर वे प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक में फैसला करना चाहेंगे तो प्रदेश के नेताओं को दिल्ली जाना होगा।
राष्ट्रीय नेताओं ने जाने जनता के सुझाव
प्रदेश के नेताओं से घोषणा पत्र समिति के कामों की पूरी जानकारी लेकर यह जानने का प्रयास किया गया कि घोषणा पत्र समिति के पास किस तरह के सुझाव आए हैं। इन सुझावों को लेकर राष्ट्रीय संगठन तय करेगा कि किन सुझावों को घोषणापत्र में शामिल करना है। परिवर्तन यात्रा की भी समीक्षा की गई। राष्ट्रीय नेताओं को पूरी यात्रा की जानकारी दी गई। इसके अलावा भाजपा की पहली सूची को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसके बारे में जानकारी ली गई कि नाराज नेताओं को मनाने के लिए क्या किया गया है।