भारत-कनाडा विवाद (India Canada Row) थमने का नाम नहीं ले रहा है. कनाडा के पीएम ने कुछ दिन पहले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत के खिलाफ विश्वसनीय सबूत होने की बात कही थी. कनाडा ने इस मामले पर अमेरिका का साथ मिलने की बात कही थी. वहीं अब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का कहना है कि वह कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत पर लगाए गए आरोपों को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कनाडा के साथ करीबी से संपर्क में हैं और इस मुद्दे पर उन्होंने भारत से भी बातचीत की है. अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत से उन्होंने इस मामले पर समयोग करने की अपील भी की है.
‘कनाडा-भारत मिलकर सुलझाएं मामला’
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ शुक्रवार को हुई उनकी बैठक में यह दिखाने का मौका मिला कि जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि कनाडा और भारत, दोनों देशों में मौजूद हमारे दोस्त इस मामले को सुलझाने के लिए मिलकर काम करेंगे.
कनाडा सबूत दिखाए तो करेंगे विचार-जयशंकर
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-कनाडा विवाद पर कहा कि वह नहीं जानते कि उनको गतिरोध शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों ने भारत पर कुछ आरोप लगाए हैं. उन्होंने कनाडा से दो टूक कहा कि भारत सरकार की यह नीति नहीं है. अगर कनाडा हमारे साथ कोई सबूत शेयर करता है तो हम इस पर गौर करने के लिए तैयार हैं. जयशंकर ने कहा कि जब तक कोई सबूत सामने नहीं आता है तब तक क्या एक घटना को अलग-थलग करके देखना सही है.
‘आतंकियों को पनाह दे रहा कनाडा’
जयशंकर ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि पिछले कुछ सालों में कनाडा और वहां की सरकार और भारत के बीच में दिक्कतें चल रही हैं. यह आतंकवाद और उग्रवाद से संबंधित हैं. जयशंकर का मतलब इस बात से था कि कनाडा ऐसा देश बन गया है, जहां भारत के खिलाफ अपराध में शामिल लोग पनाह ले रहे हैं. इन लोगों को कनाडा में पूरा स्पेस मिल रहा है. ये लोग भारत में हिंसा और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. वह कनाडा में भी अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है.
‘हमारे राजनयिकों को धमकाया जा रहा’
भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि सबसे अहम बात तो यह है कि कनाडा में भारत के राजनयिक मिशनों और राजनयिक कर्मियों को लगातार धमकाया जा रहा है, जिसके बाद भारत को अपने वीज़ा प्रक्रिया को अस्थायी रूप से सस्पेंड करना पड़ा है. जयशंकर ने कहा कि मजबूरन हमारे लिए कनाडा में वीजा प्रक्रिया को जारी रखना बहुत ही मुश्किल हो गया है.