पितृ अमावस्या के दिन होगा। सर्व पितृ अमावस्या को महालया अमावस्या, पितृ अमावस्या एवं पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है तथा यही पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी होता है।
वही सनातन धर्म में श्राद्ध पक्ष का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पितृ पक्ष में तुलसी का प्रयोग करना सबसे शुभ माना जाता है।
इसके साथ ही पितृ पक्ष में तुलसी से जुड़े उपाय करना बेहद अच्छा माना जाता है। बस, ये ध्यान रखें कि एकादशी तथा रविवार के दिन ये उपाय भूलकर न करें। पितृ पक्ष के चलते तुलसी के गमले के पास एक कटोरी रख दे। यह कार्य घर का कोई भी सदस्य कर सकता है। तत्पश्चात, एक हथेली में गंगाजल लें तथा इसे आहिस्ता-आहिस्ता कटोरी में छोड़ दें। इसके चलते 5-7 बार पितरों का नाम लेना चाहिए। कटोरी में गंगाजल छोड़ने के बाद इस पानी को घर के हर कोने में छिड़का जा सकता है तथा फिर यह जल तुलसी में भी डाला जा सकता है।
कहा जाता है गंगाजल को घर में छिड़कने से सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। बस तुलसी के पौधे में रविवार एवं एकादशी के दिन पानी नहीं दिया जाता है। पितृ पक्ष में किया गया यह उपाय बहुत कारगर होता है। इसको करने से पिंडदान और दान करने जितना फल मिलता है। पितृ पक्ष में तुलसी में प्रतिदिन जल चढ़ाकर उसके बाद शाम को दीपक लगाना चाहिए तथा देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। मंत्र का जाप करें।