महासमुन्द : वर्षा गजेन्द्र अब पैथोलॉजी लैब की संचालक के रूप में पहचानी जाती है। वर्षा परिवार में इस तरह के कार्यों से पहले से ही परिचित थी और ये कार्य उनकी रूचि से भी मेल खाती थी। शुरू से ही पैथोलॉजी लैब खोलने के सपने को लेकर आगे बढ़ना चाह रही थी। लेकिन आर्थिक स्थिति आड़े आने के कारण सफल नहीं हो पा रही थी। तभी उन्हें राज्य और केन्द्र सरकार की शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए खुद के व्यवसाय के लिए ऋण योजनाओं की जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत महासमुंद स्थित कार्यालय में व्यवसाय हेतु आवेदन दाखिल किया। पैथोलॉजी लैब संचालन हेतु बैंक से 10 लाख रुपए का ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया। इस योजना के तहत ढाई लाख रुपए का अनुदान ऋण भी प्राप्त हुआ। इससे उन्हें लैब संचालन में काफी मदद मिली।
उन्होंने हरि पैथोलॉजी लैब के नाम से वार्ड न. 01 शंकर नगर महासमुंद खुद का व्यवसाय शुरू किया और अपने सपने साकार किए। शुरूआत में उन्हें थोड़ी दिक्कत जरूर हुई लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे सफलता मिलने लगी। उन्होंने बताया कि लैब मे छः महिला स्टाफ कार्य कर रही है। उन्हें लैब से बिजली बिल, बैंक की किस्त एवं लैब मे काम कर रही महिलाओं को वेतन देने के बाद नियमित आय प्रति माह प्राप्त हो रही है। जिससे उनकी घर परिवार एवं समाज़ में स्थिति मजबूत हुई है। आज वह अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिला रही है। साथ ही छः महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रही है।
वर्षा बताती है कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला। ऋण फॉर्म भरने से लेकर आवेदन का निराकरण होने तक उनका पूरा सहयोग रहा। वर्षा ने बताया कि किसी भी काम में उतार चढ़ाव आम बात है। हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति प्रबल होनी चाहिए। शुरूआत में किसी भी काम में थोड़ी बहुत कठिनाई और दिक्कत अवश्य आती है। लेकिन सभी के सहयोग और मागदर्शन से उससे बाहर निकलकर आगे बढ़ना चाहिए। वे अपने शिक्षित युवा साथियों से भी कहना चाहती है कि वे शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते है और दूसरों को भी रोजगार देने में मदद कर सकते है। शासन की योजनाएं वास्तव में हमारे सपने साकार करने में सहायक हैं।