नवरात्रि के दौरान कई घरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का मतलब है कि जलता हुआ दीपक लगातार 9 दिनों तक जलता रहना चाहिए। अगर अखंड ज्योति जलाई जाए तो यह घर के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन सावधान रहना होता है, घर का दीपक खराब न हो जाए इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
‘अखंड ज्योति का महत्व’
नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने से देवी की कृपा उस घर पर बनी रहेगी, जिससे आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलेगी, देवी की कृपा से घर में शांति का माहौल रहेगा घर, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
अखंड ज्योति कैसे जलाएं, कौन सा दीपक प्रयोग करें? आइए एक नजर डालें कि क्या करें और क्या न करें:
कैसे जलाएं नवरात्रि अखंड ज्योति?
* अखंड ज्योति के लिए मोटी बाती का प्रयोग करना चाहिए
* तांबा, चांदी या मिट्टी का दीपक जला सकते हैं
* सरसों का तेल, फिटकरी या शुद्ध घी का उपयोग कर सकते हैं
* जिस स्थान पर अखंड ज्योति जलती है उस स्थान को साफ कर लें और वहां अष्टदल लिखकर दीपक रख दें।
* देवी दुर्गा के दाहिनी ओर दीपक जलाना चाहिए और पूजा में इस्तेमाल होने वाला तेल बाईं ओर रखना चाहिए।
* यदि तेल का दीपक है तो अष्टदल के बायीं ओर, यदि घी का दीपक है तो अष्टदल के दाहिनी ओर जलाना चाहिए।
* शुभ मुहूर्त में देवी मंत्र का जाप करते हुए दीपक जलाएं
क्या करें?
* दीपक अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से जलाना चाहिए
* बाती इतनी मोटी होनी चाहिए कि नौ गायों तक पहुंच सके
* दीपक हमेशा जलाए रखें
* तेल या घी कम न होने दें, दीपक में बार-बार डालते रहें, यहां तक कि रात।
* अखंडित दीपक को कांच से ढक दें ताकि हवा चलने पर वह बुझ न जाए
* बाती को ठीक करते समय, तेल लगाते समय ध्यान रखें कि बाती को कोई नुकसान न हो।
* इन 9 दिनों तक सात्विक भोजन ही करें
जो नहीं करना है?
* दीपक को फूंकें नहीं, ध्यान रखें बच्चे इसके आसपास न खेलें
* कड़ा घी न डालें, पिघला हुआ हो तो अच्छा है
* दीपक के बगल वाली दीवार पर शौचालय, स्नानघर नहीं होना चाहिए
* बाद में इसे नजरअंदाज न करें अखंड ज्योति जलाना.
‘सूरजमुखी के तेल का प्रयोग न करें’
* जलते हुए दीपक को 9 दिनों तक न हिलाएं
* दंपत्ति को 9 दिन के व्रत के नियम का पालन करना चाहिए, शारीरिक संपर्क नहीं करना चाहिए।