नई दिल्ली । केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भारत सरकार ने सऊदी अरब भेजा है।माना जा रहा है, कि इजराइल और फिलीस्तीन को लेकर अरब देशों की नाराजी भारत के साथ बढी है।अरब देशों की नाराजी को दूर करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीयूष गोयल को सौंप गई है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उन्हें भेजा गया है। पहले उनका वहां जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। इस कार्यक्रम में भारत से सचिव स्तर के अधिकारी अभी तक जाते रहे हैं। इजराइल और फिलीस्तीन के संघर्ष मे भारत की भूमिका से अरब देश भारत से नाराज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इजराइल के पक्ष में खड़े होने की बात कही थी। हालांकि उसके बाद विदेश मंत्रालय ने भारत की स्थिति साफ की थी। भारत का मौन समर्थन अभी भी इजरायल के साथ है।इसको लेकर अरब देश भारत से नाराज हैं। इसका भारत के ऊपर बड़ा व्यापक असर पड सकता है। भारत के रुख को देखते हुए अरब देशों में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हुई है और उन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी नाराजगी भी जताई है। अरब देशों की नाराजी को देखते हुए भारत सरकार की ओर से पीयूष गोयल को अरब देश के नेताओं से मिलकर भारत से उनकी जो नाराजी बन गई है, उसको दूर करने का प्रयास करेंगे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अरब संगठन ने भारत के वर्तमान रुख पर कड़ी नाराजी जताई है। इसका असर व्यापार एवं आपसी संबंधों पर पड़ रहा है। भारत सरकार ने वर्तमान स्थिति में हालात की गंभीरता को समझते हुए, पीयूष गोयल को रियाद और सऊदी अरब की यात्रा में भेजा है। जहां पर वह सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान, वाणिज्य मंत्री मजीद बिन अब्दुल्ला,निवेश मंत्री खालिद ए अल फलीह, उद्योग एवं खनिज मंत्री बंदर बिन इब्राहिम से मिलकर भारत का पक्ष रखेंगे। इसके साथ ही अरब देशों के नेताओं से मिलकर भारत के प्रति जो नाराजी बन गई है उसे दूर करने का प्रयास करेंगे। फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनीशिएटिव कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पियूष गोयल को भेजने की बात कही जा रही है। लेकिन राजनीतिक से जुड़े हुए विशेषज्ञों का कहना है कि अरब देशों की नाराजी का असर भारत के व्यापार एवं आपसी संबंधों पर पड़ने लगा है। अरब देशों की नाराजी दूर करने और भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए पीयूष गोयल अरब देश की यात्रा में उनकी नाराजी दूर करेंगे। सूत्रों का यह भी कहना है कि इसराइल और फिलीस्तीन के युद्ध का असर भारत पर पड़ी तेजी से पडना शुरू हो गया है। यदि समय रहते अरब देशों की नाराजी दूर नहीं की गई तो व्यापार और अर्थव्यवस्था में भी भारत कोबड़ा नुकसान हो सकता है।