बिलासपुर. हाई कोर्ट में ग्रीन लीगल साइज के हुआ हो, पेपर की जगह ए-4 साइज पेपर सके। में याचिकाएं और अन्य दस्तावेज पर तीनों प्रस्तुत करने, दोनों तरफ टाइप करने जैन की मांग करते हुए 2020 और जनहित 2022 में जनहित याचिकाएं लगाई तरह की गई थीं। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा वाले की बेंच ने इस संबंध में हाई कोर्ट में वेदाग्नि दिए गए अभ्यावेदन का 8 सप्ताह में के जरिए नियमों के तहत निराकरण करने के दोनों पर निर्देश हाई कोर्ट / रजिस्ट्रार जनरल और को दिए हैं।
गोमती नगर, लखनऊ की की तरफ आकृति अग्रवाल, बिलासपुर की पूरी तरह अमीषा शर्मा व राजस्थान के लक्ष्य की पुरोहित ने वर्ष 2020 में हाई कोर्ट में इस आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें हाई सर्कुलर कोर्ट और निचली अदालतों में लगाई की मांग जाने वाली सभी याचिकाओं और का 8 परिवाद को ग्रीन लीगल सांइज पेपर की जगह ए-4 साइज पेपर में प्रस्तुत साथ करने के निर्देश देने की मांग की गई कर दी
थी। साथ ही उनकी मांग थी कि ए-4 साइज पेपर में दोनों तरफ टाइप किया जिससे पेपर की बचत हो आवेदन पर निर्णय नहीं होने ने अधिवक्ता पारसमणि और अनुजा शर्मा के जरिए याचिका लगाई थी। इसी मांग करते हुए रायपुर में रहने में शाहिद सिद्दिकी ने अधिवक्ता जांगड़े और नवीन निराला जनहित याचिका लगाई थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं से दिल्ली हाई कोर्ट को पेपरलैस करने की पहल जानकारी देते हुए हाई कोर्ट से संबंध में प्रशासनिक आदेश- जारी करने के निर्देश देने की। हाई कोर्ट ने आवेदनों सप्ताह में नियमों के तहत निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। ही जनहित याचिकाएं निराकृत गई हैं।