हाई कोर्ट में ग्रीन लीगल साइज के पेपर की जगह ए-4 साइज पेपर में याचिकाएं और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने, दोनों तरफ टाइप करने की मांग करते हुए 2020 और 2022 में जनहित याचिकाएं लगाई गई थीं। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने इस संबंध में हाई कोर्ट में दिए गए अभ्यावेदन का 8 सप्ताह में नियमों के तहत निराकरण करने के निर्देश हाई कोर्ट / रजिस्ट्रार जनरल को दिए हैं।
हाई कोर्ट और निचली अदालतों में लगाई जाने वाली सभी याचिकाओं और परिवाद को ग्रीन लीगल साइज पेपर की जगह ए-4 साइज पेपर में प्रस्तुत करने के निर्देश देने की मांग की गई
थी। साथ ही उनकी मांग थी कि ए-4 साइज पेपर में दोनों तरफ टाइप किया हुआ हो, जिससे पेपर की बचत सके। अधिवक्ता शाहिद सिद्दिकी ने अधिवक्ता जनहित याचिका लगाई थी। दोनों पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट को पूरी तरह पेपरलैस करने की पहल की जानकारी देते हुए हाई कोर्ट से इस संबंध में प्रशासनिक आदेश- सर्कुलर जारी करने के निर्देश देने की मांग की। हाई कोर्ट ने आवेदनों का 8 सप्ताह में नियमों के तहत निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जनहित याचिकाएं निराकृत कर दी गई हैं।