भारत में त्योहारी सीजन के शुरू होते ही बाजारों में रौनक काफी बढ़ जाती है. ऐसे में कई लोग दीवाली के मौके पर अपनी ड्रीम कार के सपने को सच करने की तैयारी कर रहे हैं. अपनी मेहनत की कमाई को जोड़कर आम आदमी कार खरीदता है. इस स्थिति में हर कोई काफी सोच समझकर अपने लिए कार को पसंद करते हैं.
आमतौर पर हमें कार खरीदते समय किसी भी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. अपने बजट और जरूरतों को ध्यान में रख कर अपने लिए सही कार का चुनाव करना सबसे बेहतर ऑप्शन हो सकता है. जिससे की आने वाले समय में हमें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है. आइए हम आपको ऐसी 5 खास बातें बता रहें हैं जिन्हें आपको कार खरीदने से पहले अपने ज़हन में रखना चाहिए.
कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो यह ध्यान देना जरूरी है कि इस समय फेस्टिव सीजन का डिस्काउंट चल रहा है. कार खरीदते वक्त कार डीलर से डिस्काउंट के बारे में पहले ही पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए ताकि आपको हर तरह का फायदा हो सके.
कंपनियों की तरफ से मिलने वाले डिस्काउंट के साथ ही कई डीलर्स भी अपनी सेल बढ़ाने के लिए एक्स्ट्रा डिस्काउंट ऑफर करते हैं. ऐसे डीलर्स का पता करें और डिस्काउंट को नैगोशिएट भी करें. इससे आपको बड़ा फायदा मिल सकता है.
अपनी कार की डिलीवरी लेने से पहले उसको ठीक से चेक कर लें कि कहीं किसी प्रकार का कोई निशान या स्क्रैच तो नहीं है. क्योकिं अक्सर देखने में आता है कि डिलीवरी के समय गाड़ी को निकलते समय स्क्रैच आ जाते हैं, जबकि डीलरशिप में सही रखरखाव न होने की वजह से भी गाड़ी के पार्ट में डैमेज होने की आशंका बनी रहती है.
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप यह तय करें कि आपको किस तरह की कार की जरूरत है. यह आपके बजट, परिवार के आकार, ड्राइविंग की आदतों जैसी कई चीजों पर आधारित होना चाहिए. तय करें कि आपको हैचबैक (ऑल्टो, वैगनआर, टियागो, ग्रैंड आई10 निओस, स्विफ्ट, अल्ट्रोज, आई20 और बलेनो या अन्य कार), सेडान (डिजायर, ऑरा, अमेज, सिटी, वर्ना, सियाज या अन्य कार), एसयूवी (पंच, एक्सटर, ब्रेजा, नेक्सन, वेन्यू, एलिवेट, क्रेटा, सेल्टोस, ग्रैंड विटारा, सफारी, एक्सयूवी700, फॉर्च्यूनर या अन्य कार) या एमपीवी (ट्राइबर, अर्टिगा, एक्सएल6, कैरेंस, इनोवा क्रिस्टा, इनोवा हाइक्रॉस या अन्य कार) में कैसी कार की जरूरत है.
यदि आप कार को लोन पर लेने जा रहे हैं तो फाइनेंस ऑप्शन भी चैक करें. यदि हो सके तो कार का डाउनपेमेंट ज्यादा करें. इससे आपकी ईएमआई तो कम आएगी ही, साथ ही इंट्रेस्ट के तौर पर कम पैसा देना होगा. बैंक के इंट्रेस्ट रेट चैक करें और कंपेयर करने के बाद ही फाइनेंस लें. लंबे समय का लोन लेने से बचें, इससे आपको किश्त कम दिखेगी लेकिन इंट्रेस्ट काफी ज्यादा लगेगा. साथ ही कुछ बैंक आपको गिफ्ट्स के ऑफर भी देते हैं.