देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि दिवाली की त्यौहारों के सीजन की श्रृंखला में मूल रूप से कल धनतेरस का त्यौहार प्रदेश सहित देश भर के व्यापारियों के लिए माल की बिक्री का एक बड़ा दिन है जिसकी लेकर प्रदेश सहित देश भर में बड़ी तैयारियाँ व्यापारियों ने की हुई है।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की आज और कल धनतेरस के मौक़े पर देश भर में आज लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है। वहीं दूसरी तरफ़ इस दिवाली पर वोकल फॉर लोकल का दर्शन पूरी तरह बाज़ारों में दिख रहा है क्योंकि लगभग सारी ख़रीदारी भारतीय सामानों की ही हो रही है । एक अनुमान के अनुसार दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री अब न होने से चीन को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की चपत लगी है। इस दिवाली वोकल फॉर लोकल के आवाह्न एवं महिलाओं से ख़रीदारी को कैट ने अपना समर्थन देते हुए प्रदेश सहित देश भर के व्यापारिक संगठनों से आग्रह किया है कि वो अपने क्षेत्र की जो महिलाएँ दिवाली से संबंधित सामान बना रही हैं, उनकी बिक्री में वृद्धि करने में सहायता करें ताकि वो भी ख़ुशी से अपने घर दिवाली मना सकें।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की धनतेरस के दिन सिद्धि विनायक श्री गणेश जी , धन की देवी श्री महालक्ष्मी जी तथा श्री कुबेर जी की पूजा होती है। इस दिन नई वस्तु ख़रीदना शुभ माना जाता है। इस दिन ख़ास तौर पर सोना चाँदी के आभूषण तथा अन्य वस्तुएँ, सभी प्रकार के बर्तन, रसोई का सामान , वाहन, कपड़े एवं रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान एवं उपकरण, व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से जुड़े उपकरण, मोबाइल, बही खाते, फर्नीचर, एकाउंटिंग का अन्य सामान आदि विशेष रूप से ख़रीदे जाते हैं। प्राचीन मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू भी अवश्य ख़रीदी जाती है ।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज अरोड़ा ने बताया की देश भर के ज्वेलरी व्यापारियों में कल धनतेरस की बिक्री को लेकर बड़ा उत्साह है जिसके लिए ज्वैलरी व्यापारियों ने व्यापक स्तर पर काफ़ी तैयारियाँ की हुई है। सोने -चाँदी, डायमंड आदि के नये डिज़ाइन के गहने एवं आभूषण सहित अन्य वस्तुओं का प्रचुर मात्रा में स्टॉक रखा गया है । उन्होंने बताया की इसके साथ ही इस वर्ष आर्टिफिशियल ज्वेलरी की भी बड़ी माँग बाज़ारों में दिखाई दे रही है वहीं सोने चाँदी के सिक्के, नोट एवं मूर्तियों को भी धनतेरस पर बड़ी मात्रा में ख़रीदा जाना भी संभावित है।
कैट की वैदिक एवं ज्योतिष कमेटी के संयोजक तथा प्रख्यात वेद मर्मज्ञ उज्जैन के आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया की भगवान धन्वंतरि का प्रदूर्भाव भी धनतेरस के ही के दिन हुआ था। भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं तथा औषधि के देवता भी हैं। इस दृष्टि से कल देश भर में भगवान धन्वंतरि की भी पूजा की जायेगी। इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है। इसीलिये धनतेरस को पीतल आदि के बर्तन खरीदने को भी शुभ माना गया है और इसीलिए धनतेरस के दिन बर्तनों एवं खाना बनाने वाले सामानों की बिक्री बड़े पैमाने पर होती है। देश भर में लोगों के अलावा कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े लोग, स्थानीय हलवाई, कॉंट्रैक्ट पर काम करने वाले रसोइये, होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसाय के लोग धनतेरस के दिन विशेष रूप से बर्तन आदि अवश्य ख़रीदते हैं।