नई दिल्ली। भारत और अमरीका के बीच 5वीं टू-प्लस-टू मंत्रिस्तरीय वार्ता नई दिल्ली में शुक्रवार को शुरू हुई. भारत की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर और अमरीका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ वार्ता की सह-अध्यक्षता की.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि भारत और अमरीका के द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक विस्तार हुआ है. रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग और मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी स्वतंत्र, मुक्त और नियम आधारित हिन्द प्रशांत क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है. विभिन्न भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों को महत्वपूर्ण और दीर्घावधि के मुद्दों पर विशेष ध्यान देना होगा.
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यह संवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का माध्यम होगा. दोनों देशों को साझा वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए इस साझेदारी को मजबूत करना होगा. विदेश मंत्री ने कहा कि टू-प्लस-टू संवाद के दौरान रक्षा, सुरक्षा और रणनीतिक संबंधों की व्यापक समीक्षा की जाएगी.
विदेश मंत्री ने बढ़ते व्यापार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार 200 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. सहयोग बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष सहयोग और महत्वपूर्ण खनिजों की भी पहचान की जा रही हैं. जयशंकर ने कहा कि विचार-विमर्श में हिन्द- प्रशांत क्षेत्र पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा.
अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दोनों देश बीच बढ़ते संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका यात्रा और अमरीकी राष्ट्रपति जो. बाइडेन की भारत की यात्रा से व्यापाक रणनीतिक भागीदारी का महत्वाकांक्षी एजेंडा तय हुआ है. उन्होंने कहा कि दोनों देश स्वतंत्र, मुक्त और समृद्ध हिन्द प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा दे रहे हैं, और क्वाड संगठन के जरिए भी साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं.
अमरीका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि भारत और अमरीका के बीच सहयोग का दायरा व्यापक है, जिसमें समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक सहयोग शामिल है. उन्होंने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों की शक्ति लोगों के बीच संपर्क में निहित है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडटर और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के जरिए दोनों देश अपनी साझेदारी का विस्तार कर रहे हैं.