जगदलपुर। बस्तर जिले के गिरौला में स्थित रक्षा मंत्रालय (डीफेंस रिसर्च एंड डेवल्पमेंट ऑर्गोंनाइजेशन) के क्षेत्र में मादा तेंदुए ने चार शावको को जन्म दिया है, जिसके चलते दिन और रात सुरक्षा में लगे रक्षा कर्मी दहशत जदा है। वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने निर्देश जारी करते हुए सुरक्षा कर्मियों से सावधानी बरतने को कहा है। वन विभाग इन शावकों को मादा सहित अन्यंत्र स्थान पर ले जाने की जुगत में है।
डिफेंस के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से मादा तेंदुआ घने वन क्षेत्र में बने गिरौल कैंप के शिविर में नजर आ रही थी जिसकी सूचना उन्होंने वन विभाग के अफसरों को दी थी। सूचना मिलने पर वन विभाग के एसडीओ ने संभावित क्षेत्र में पिंजरा की भी व्यवस्था की थी ताकि मादा तेंदुआ पिंजरे में आ सकें लेकिन मादा तेंदुआ द्वारा चार शावकों को जन्त दिए जाने की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग ने उस स्थान से पिंजरे को हटा लिया है। वन अधिकारियों का कहना है कि रात्रि पाली में काम करने वाले सुरक्षा कर्मियों को अधिक चौकस रहने की आवश्यकता है क्योंकि मादा तेंदुआ हमला भी कर सकती है।
इधर वन विभाग के एसडीओ देवलाल दुग्गा का कहना है कि मादा तेंदुआ द्वारा दिए गए शावक अभी बहुत छोटे है, जिनको वहां से हटाना काफी मुश्किल है। लेकिन विभाग रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मादा तेंदुआ सहित चारों शावको को सुरक्षित स्थान पर छोडऩे की तैयारी कर रहा है। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों से कहा हैं कि जब तक मादा तेंदुआ व शावको को वहां से हटा नहीं लिया जाता तब तक सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रहना होगा। शावको के छोटे होने की वजह से रेस्क्यू में तीन से चार का समय लग सकता है। उल्लेखनीय है कि बस्तर जिले के जंगलों में लगातार तेंदुओं को देखा जा रहा है। हाल ही में चित्रकोट वन परिक्षेत्र के गांव में तेंदुआ को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने पकड़ा था और उसे सुरक्षित जंगलों में छोड़ा गया।