रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के लिए आनलाइन आवेदन करने वाले छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें कालेजों में हार्ड कापी जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने गुरुवार को कालेजों को पत्र लिखकर यह आदेश जारी किया है। इसमें सभी कालेज के प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि अब हार्ड कापी जमा करने की आवश्यकता नहीं है। अपने सूचना पटल पर एक इस संबंध में सूचना चस्पा करें। इससे कालेजों में लंबी कतार में खड़े होने से छात्रों को राहत मिलेगी, वहीं अव्यवस्था की स्थिति भी पैदा नहीं होगी। बता दें कि आनलाइन आवेदन करने के बाद भी छात्रों से कालेजों में हार्ड कापी जमा कराने के कारण अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी। इससे आनलाइन प्रक्रिया के औचित्य पर भी सवालिया निशान लगाया जा रहा था। बताया जा रहा है कि प्राचार्यों और केंद्राध्यक्षों को पहले ही आनलाइन पोर्टल में ही आवेदन की जांच करने के लिए निर्देश किया गया था, इसके बावजूद कालेज प्रबंधन हार्ड कापी जमा करवा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि फार्म की गलतियों को सुधारने के लिए संबंधित कालेजों में ही व्यवस्था की जाए। इससे छात्रों को राहत मिलेगी। विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा मार्च में होनी है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि पांच जनवरी थी, जिसे बढ़ाकर 13 जनवरी कर दिया गया है। विलंब शुल्क के साथ 20 जनवरी तक आवेदन किए जा सकेंगे। आनलाइन आवेदन के समय किसी भी प्रकार की गलती होने पर संशोधन के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय आना पड़ रहा है। सभी की अपनी आइडी बनी है। आवेदन के लिए विश्वविद्यालय से आइडी अनलाक की जाती है। आवेदन पूर्ण होते ही आइडी लाक हो जाती है। इसके बाद सुधार के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय आकर आइडी अनलाक करानी पड़ रही है। विश्वविद्यालय से प्रदेश के कई जिलों के लगभग 150 शासकीय और अशासकीय कालेज संबद्ध हैं। दूरदराज के कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को संशोधन के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। सर्वर डाउन की समस्या से छात्र लगातार परेशान हैं। गांधी चौक स्थित कैफे संचालक ने बताया कि सुबह-शाम कुछ घंटों के लिए सर्वर अच्छा काम करता है। इसके बाद बंद हो जाता है। ये परेशानी लगभग चार से पांच दिनों से ज्यादा हो रही है। विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के लिए अभी तक लगभग 90 हजार आवेदन आ चुके हैं। बता दें कि विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा में लगभग डेढ़ लाख छात्र शामिल होते हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कालेजों के प्राचार्यों और केंद्राध्यक्षों को आनलाइन आवेदन की जांच करने और उसे पोर्टल में अपडेट करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया था। इसमें भी कहा गया था कि आनलाइन आवेदन के बाद छात्रों से हार्ड कापी लेने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, कालेज प्रबंधन आनलाइन आवेदन को जांचने से बचने के लिए हार्ड कापी जमा करवा रहे हैं। निजी कालेज प्राचार्य एसोसिएशन के सचिव डा. देवाशीष मुखर्जी ने कहा, आवेदन की हार्ड कापी लेने का कारण आवेदन में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर प्राचार्य या अग्रेषण अधिकारी की जवाबदेही होने के कारण हार्ड कापी लेकर मिलान करना था। एक कालेज में चार से पांच हजार आवेदन आते हैं। ज्यादा कर्मचारी और कंप्यूटर नहीं होने के कारण आवेदनों की जांच में काफी समय लग जाने से दिक्कत होती है। हार्ड कापी कालेज के शिक्षकों को देकर तय समय में चेक करवा लेते हैं। पीआरएसयू के कुलसचिव डा. शैलेंद्र पटेल ने कहा,आनलाइन आवेदन करने वाले छात्रों को अब कालेजों में आवेदन की हार्ड कापी जमा करने की आवश्यकता नहीं है। कालेजों के प्राचार्यों और केंद्राध्यक्षों को प्रशिक्षण के दौरान ही आनलाइन पोर्टल में ही आवेदन को जांच कर अपडेट करने के लिए निर्देशित किया गया है।
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