मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कई अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुनाएंगे। श्री शिंदे और इन विधायकों के विद्रोह के कारण जून 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी। साथ ही उद्धव ठाकरे नीत महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार भी गिर गयी थी। राज्य विधानसभा के सूत्रों के अनुसार फैसला सुनाने के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्धारित मूल समय सीमा 31 दिसंबर 2023 थी। गत 15 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने 10 दिन का विस्तार दिया और फैसले के लिए 10 जनवरी को नई तारीख तय की। गौरतलब है कि जून 2022 में श्री शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिवसेना विधायकों के एक वर्ग के विद्रोह का नेतृत्व किया, जिससे सेना विधायक दल में विभाजन हो गया और एमवीए सरकार गिर गई। इसके बाद शिंदे और ठाकरे गुटों ने दलबदल विरोधी कानून के तहत एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर कीं। इस मामले में आज शाम चार बजे के बाद फैसला आने की उम्मीद है। दोनों गुटों के पदाधिकारियों ने कहा है कि अध्यक्ष के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में वे शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। मंगलवार को श्री नार्वेकर की श्री शिंदे से मुलाकात के बाद ठाकरे समूह ने इस पर आपत्ति जताई और शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। उल्लेखनीय है कि श्री शिंदे और 48 अन्य विधायकों के विद्रोह के बाद 20 जून 2022 को श्री ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। इसके बाद श्री शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनायी जो वर्तमान में सत्तारुढ़ है।
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