भिलाई । कुष्ठ रोगियों से लोग मेल मुलाकात करने से पहरेज करते हैं, लेकिन भिलाई के जुनवानी निवासी रमेश साहू लंबे समय से कुष्ठ रोग पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। वे कुष्ठ रोगियों को खोजते हैं और उनका इलाज करवाते हैं। उपचार में उनकी आर्थिक मदद भी करते हैं। रमेश साहू ने कुष्ठ रोगियों की सेवा का सफर वर्ष 1987 से शुरू किया, जो अब तक अनवरत जारी है। दुर्ग जिले में इन दिनों कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को कुष्ठ रोग व इसके बचाव के संबंध में जानकारी दी जा रही है। नए कुष्ठ रोगी भी खोजे जा रहे हैं। वहीं जुनवानी भिलाई निवासी रमेश साहू लंबे समय से कुष्ठ पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। वे वर्ष 1987 से इस काम में लगे हुए हैं। रमेश साहू ने बताया कि वर्ष 1972 में उनकी दादी धीरजा देवी (65) को कुष्ठ रोग हो गया। घर वाले दादी को कुष्ठ आश्रम रायपुर छोड़ आए। इसकी जानकारी होते ही रिश्तेदारों व अन्य लोगों ने घर आना-जाना बंद कर दिया। दादी के साथ हुए व्यवहार रमेश को मन ही मन परेशान करता रहा। इसके बाद रमेश ने कुष्ठ पीड़ितों की मदद की ठान ली। रमेश ने बताया कि वर्ष 1987 में ग्राम जुनवानी में उन्होंने कुष्ठ उन्मूलन शिविर लगवाया। सात दिवसीय शिविर के दौरान वे भी स्वास्थ्य अमला के साथ गांव-गांव घूमकर नए कुष्ठ रोगियों की पहचान करने लगे। लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में बताते थे और शिविर में आने वालों का इलाज में मदद भी करते थे। इसके बाद उन्होंने जागरूकता के लिए वर्ष 1989 में पदयात्रा निकाली। दस दिवसीय पदयात्रा के दौरान वे जिले के कुछ गांवों में पहुंचे। वर्ष 1990 में अपने सहयोगियों के साथ कुष्ठ उन्मूलन अभियान को लेकर जुनवानी से लेकर पाटन तक साइकिल यात्रा निकाली। 1992 में लोकरंग कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया। वर्ष 1993 में जिला स्तरीय साइकिल रैली का आयोजन कर अविभाजित दुर्ग जिले के नवागढ़ से लेकर डौंडी ब्लाक तक कई गांवों का भ्रमण किया। रमेश का कहना है कि जागरूकता ही कुष्ठ से बचाव का बड़ा माध्यम है। यह रोग होने पर लोगों को छुपाना नहीं चाहिए। यह छूत रोग भी नहीं है। इसे लेकर सिर्फ भ्रामक बातें ही फैलाई गई है।
You May Also Like
More From Author
Posted in
अन्य
जम्मू-कश्मीर में खुला AAP का खाता, मेहर मलिक ने जीती डोडा सीट
Posted by
city24x7 news