अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश,तत्कालीन एसडीएम सहित नौ अफसर दोषी

बिलासपुर। अरपा भैंसाझार परियोजना के नहर निर्माण में फर्जीवाड़ा फूटा है। पूर्व स्पीकर व विधायक धरमलाल कौशिक के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री ने सदन के सामने जांच रिपोर्ट पेश कर दी है। कोटा के तत्कालीन एसडीएम व भूअर्जन अधिकारी आनंदरूप तिवारी सहित नौ राजस्व व जल संसाधन विभाग के अफसर दोषी पाए गए हैं। अब जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने तत्कालीन सरकार के चलते अरपा भैंसाझार परियोजना में हुए अनियमितता पर सवाल उठाया है और दोषियों का पर्दाफाश किया है। विधायक कौशिक ने कहा कि अरपा भैंसाझार परियोजना के निर्माण नहरों में जो अनियमितता हुई है इस पर राजस्व मंत्री से पिछले सत्र में भी व इस सत्र में भी प्रश्नकाल के दौरान सवाल पूछा गया है। अरपा भैंसाझार परियोजना में भारी अनियमितता पायी गई है। इस बात को राजस्व मंत्री द्वारा स्वीकार भी किया गया है। जिनका जमीन अधिग्रहण किया गया है उसमें नहर का निर्माण नहीं हुआ है और जिनके जमीनों का अधिग्रहण नहीं किया गया उनके जमीन में नहरों का निर्माण हुआ है। इसकी जांच कमेटी भी बनी। बिलासपुर कलेक्टर के द्वारा गड़बड़ियों की जांच के लिए छह सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गयी थी। जांच कमेटी ने 23 फरवरी 2023 को कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी थी। जांच में दोषी पाए गए अधिकारी व कर्मचारियों की सूची भी पेश की गई है। सूची सौंपने के साथ ही कमेटी ने कार्रवाई की अनुशंसा भी की है। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि 10 खसरा नंबर की 3.42 एकड़ जमीन का फर्जी तरीके से अधिग्रहण किया गया है। इसके एवज में भूमि स्वामियों को 10 करोड़ 68 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। ये ऐसी जमीन है जहां पर नहर का निर्माण ही नहीं किया गया है। ऐसा कर अफसरों ने बड़ी गड़बड़ी की है और भूमि स्वामियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। आरएस नायडू एवं अशोक कुमार तिवारी, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग कोटा, आरके राजपूत, उप अभियंता, जल संसाधन विभाग, आरपी द्विवेदी, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन अनुभाग तखतपुर, मोहरसाय सिदार,तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार सकरी, कीर्ति सिंंह राठौर एवं आंनदरूप् तिवारी, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी कोटा राहुल सिंह राजस्व निरीक्षक दिलशाह – धरमलाल कौशिक हम इस अनियमितता के मामले को लेकर लगतार जो सवाल उठा रहें थे उसका आज अंतिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत हो गया है और दोषियों का पर्दाफाश हो चुका है । अब जिनके साथ अन्याय हो रहा है उन्हें अब न्याय मिलेगा। कुल 10 दोषी आधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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