जशपुरनगर । भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय क्रिश्चन मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जनजागृति और संवैधानिक प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कुनकुरी पुलिस ने अपराधिक मामला पंजीबद्व किया है। यह विवादित कार्यक्रम 27 फरवरी को कुनकुरी थाना क्षेत्र के बेमताटोली में आयोजित किया गया था। इस सभा में लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम तोड़ने की अपील के साथ हिंदू धर्म के देवी देवताओं और बागेश्वरधाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद,गौरक्षा वाहिनी,उत्कल ब्राहमण समाज,धर्म जागरण मंच ने शिकायत की थी। इस शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस से की गई शिकायत में हिंदू संगठनों ने बताया है कि बेमताटोली में आयोजित संवैधानिक प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते वाले वक्ताओं ने क्षेत्र की शांति और कानून व्यवस्था के साथ भाईचारा को प्रभावित करने के लिए हिंदू धर्म के देवी देवताओं के खिलाफ अपशब्द बोले। इस आमसभा में प्रवक्ताओं द्वारा बोले गए विवादित बोल के वीडियों इंटरनेट मीडिया में जमकर प्रसारित हो रहें हैं। इस पर उत्कल ब्राहमण समाज ने नाराजगी जताई है। एएसपी उमेश कश्यप ने बताया कि शिकायत और कार्यक्रम से जुड़े वीडियों की जांच के बाद आयोजकों के खिलाफ धारा 153 ए और बी, 295 ए, 505 (2),109,294 और 34 के अंर्तगत अपराध पंजीबद्व किया गया है। जिले में मतांतरण,चंगाई सभा और विभिन्न कार्यक्रमों में बयानों को लेकर लगातार विवाद की स्थिति बन रही है। सबसे बड़ा विवाद वर्ष 2022 में आदिवासी एकता परिषद द्वारा शहर के वशिष्ट कम्युनिटी हाल में आयोजित अधिवेशन में प्रेम कुमार गेड़ाम भगवान श्रीराम,हनुमान,माता अंजनी के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर अनर्गल टिप्पणी की थी। इस मामले में कई संगठनों की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने गेड़ाम के खिलाफ धारा 153 ए,295 ए और 505 बी के अंर्तगत एफआईआर दर्ज किया था। कुनकुरी के बेमताटोली में आयोजित कार्यक्रम के संबंध में मिली शिकायत की जांच के बाद आयोजकों के विरूद्व विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है। इस वीडियों में एक प्रवक्ता बीते साल संपन्न हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर सवाल उठाते दिखाई दे रहें हैं। वीडियो में प्रवक्ता दावा कर रहें हैं कि राजस्थान,मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 10 लाख मतदाता पंजीकृत थे लेकिन मतदान में साढ़े 10 लाख वोटर ने मतदान किया। इससे ईवीएम मशीन संदेह के दायरे में आ रहा है। इसी वीडियो में प्रवक्ता ने वोट चुराने का आरोप लगाते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन को फोड़ने की अपील की। हालांकि नईदुनिया इस विडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इसके साथ ही वक्ताओं ने ब्राम्हणों पर अनर्गल टीका टिप्पणी की है।
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