रायपुर। कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह और कार्यकर्ताओं की नाराजगी अब मंचों पर खुलकर सामने आ रही है। सीट बदलने के बाद कांग्रेसी नेता अपने ही घर में घिर रहे हैं। राजनांदगांव की सभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ही बाहरी प्रत्याशी होने का आरोप लगा दिया। कांग्रेस के भीतर उपजे इस अंतर्कलह के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पोस्ट पर लिखा है कि जो अपने दरी उठाने वाले कार्यकर्ताओं के नहीं हो सके, वे जनता के क्या होंगे। इस मामले पर मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। इससे पहले भूपेश बघेल ने राजनांदगांव की चुनावी सभा में कहा था कि मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तो क्या नंबर-1 व नंबर-2 भी आ जाए कांग्रेस को राजनांदगांव से कोई हरा नहीं सकता। राजनीतिक हालातों पर गौर करें तो कांग्रेस का सीट बदलने का फार्मूला ज्यादा कारगर होता दिखाई नहीं दे रहा है। दो दिन पहले राजनांदगांव में कार्यकर्ता द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री पर ऊंगली उठाई गई। कांग्रेस ने राजनांदगांव में स्थानीय नेता को प्रत्याशी नहीं बनाया, जबकि बिलासपुर व कांकेर में भी दूसरे संसदीय क्षेत्र से कांग्रेसी नेता को टिकट देने की चर्चा हैं। ऐसे में राजनांदगांव की आग दूसरे संसदीय क्षेत्रों तक फैलने की आशंका जताई जा रही है। बिलासपुर में भाजपा के ओबीसी प्रत्याशी से मुकाबले के लिए कांग्रेस के सामने भी ओबीसी प्रत्याशी खड़ा करने की चुनौती बनी हुई है। यहां भिलाईनगर के विधायक देवेंद्र यादव के नाम भी चर्चा काफी पहले से शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए एक्स पोस्ट पर 19 मार्च को लिखा कि वो अपने अंहकार में कहते रह गए, मैं हूं तो भरोसा है। उनके कार्यकर्ता उनके मुंह पर ही कह रहे हैं, 5 साल हमारी सुनी ही नही गई। छत्तीसगढ़ की देवतुल्य जनता ने उनके धोखे को पहले ही पहचान लिया था और मोदी की गारंटी पर विश्वास अटूट रहा। जो अपने दरी उठाने वाले कार्यकर्ताओं के नहीं हुए वे जनता के क्या होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पोस्ट पर 19 मार्च को लिखा था कि यदि कांग्रेस के साथी अपनी पूरा ताकत से लोकसभा चुनावों के लिए जुट जाए तो यहां मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तो क्या नंबर-1 और नंबर-2 भी आ जाएं तो कांग्रेस को कोई हरा नहीं सकता। कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह साफतौर पर उजागर हो रहा है। नाराज कार्यकर्ता, लेटर बम के साथ-साथ नाराज कांग्रेसी नेता पाला बदलने में देरी नहीं कर रहे हैं। 15 दिनों के भीतर 3,000 से अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, बस्तर आदि संसदीय क्षेत्रों के अलग-अलग कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल का हाथ थामा है।
You May Also Like
Posted in
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़-जगदलपुर में वाहन पलटने से छह लोगों की मौत और 43 घायल
Posted by
Admin
More From Author
Posted in
अन्य
जम्मू-कश्मीर में खुला AAP का खाता, मेहर मलिक ने जीती डोडा सीट
Posted by
city24x7 news