रायपुर। फर्जी फर्म बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ लेने वालों के खिलाफ केंद्रीय जीएसटी द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अपने अभियान के दौरान जांच में जीएसटी अधिकारियों ने 13 फर्जी फर्म के नेटवर्क को पकड़ा, जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना केवल फर्जी चालान बनाने में सक्रिय थे। बताया जा रहा है कि इन फर्जी फर्मों के जरिए 62.73 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने वाले आरोपित रायपुर निवासी हेमंत कसेरा को भी जीएसटी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है। सीजीएसटी आयुक्त मोहम्मद अबु सामा ने बताया कि केंद्रीय जीएसटी की टीम को तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटोग्राफ, हस्ताक्षरित चेक बुक और मोबाइल भी मिले, साथ ही बहुत से दस्तावेज भी मिले। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि इन सभी फर्जी फर्म का मास्टर माइंड रायपुर निवासी हेमंत कसेरा है। पूछताछ करने पर आरोपित ने स्वीकार भी किया कि फर्जी आइटीसी प्राप्त करने के उद्देश्य से उसने फर्जी फर्मो का समूह बनाया। इस वर्ष फरवरी तक उसने 62.73 करोड़ का फर्जी आइटीसी प्राप्त किया। साथ ही उसने आगे अन्य टैक्सपेयर्स को 51.42 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास किया है।जीएसटी के नियमानुसार आरोपित हेमंत कसेरा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस गिरफ्तारी के साथ ही फर्जी बिलिंग व फर्म बनाकर आइटीसी का लाभ लेने वाले 15 आरोपितों की गिरफ्तारी हो गई है। जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि किसी भी फर्जी फर्म को नहीं बख्शा जाएगा और आगे भी कड़ी कार्रवाई होती रहेगी।
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