रायपुर। आयुष्मान योजना में निजी अस्पताल प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत तीन वर्षों में मिली शिकायतों की जानकारी मांगी गई। राज्य नोडल एजेंसी की तरफ से वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में आयुष्मान योजना की कितनी शिकायतें मिलीं। इस पर राज्य नोडल एजेंसी की तरफ से 995 शिकायतों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 26 पर निलंबन, 25 पर जुर्माना और पांच का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। 45 अस्पतालों पर कार्यवाई की गई है। विभाग को ये शिकायत टोल फ्री नंबर और अन्य माध्यमों से शिकायत मिली है। आयुष्मान योजना के तहत गरीबी रेखा में आने वाले लोगों को पांच लाख तक का इलाज निश्शुल्क है। सामान्य लोगों के लिए 50 हजार का इलाज निश्शुल्क है, लेकिन आयुष्मान कार्ड से इलाज करने के दौरान अस्पताल प्रबंधन को मरीज से एक भी रुपये नहीं लेना है। अधिकतर अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान से इलाज करने के बावजूद मरीजों से भी बिल के पैसे वसूलते हैं जो नियम के खिलाफ है। इस योजना से इलाज कराने वाले मरीज का कितना भी पैसा खर्च हो उसे मरीज से लेने का प्रविधान नहीं है, नियम के खिलाफ जाकर अस्पताल प्रबंधन पैसे लेता है। शिकायत होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पतालों पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, यही वजह से है कि प्रबंधन बिना किसी डर-भय के मरीजों के स्वजन से मोटी रकम वसूलते हैं।
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