रायपुर। आयकर के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। टीडीएस के नियमों (TDS Rules) के अनुसार अब नौकरीपेशा के साथ ही गृहिणी व किसानों को भी टीडीएस देना होगा। टीडीएस छिपाने पर 15 प्रतिशत ज्यादा टीडीएस देना पड़ेगा। साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। बैंक में आपने फिक्सड डिपाजिट करवाया है तो जान लीजिए एफडी का ब्याज वर्ष में 40 हजार से ज्यादा है तो 10 प्रतिशत टीडीएस काटा जाएगा। जानकारी के अनुसार अगर आप वरिष्ठ नागरिक नहीं है तो आपकी एफडी पर ब्याज 40 हजार रुपये से अधिक आता है तो बैंक ब्याज पर टीडीएस काटते हैं। अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं तो 50 हजार रुपये के बाद टीडीएस काटा जाता है। टीडीएस तब काटा जाता है जब एफडी पर ब्याज जोड़ा जाता है या क्रेडिट किया जाता है, न कि एफडी मैच्योर होती है। यानी पांच वर्ष की एफडी कराई है तो बैंक हर साल ब्याज देते समय टीडीएस काटेगा। एफडी पर भी इनकम टैक्स वाला फार्मूला ही लागू होगा, यानी आपकी सालाना आय तीन लाख रुपये तक है तो टीडीएस नहीं कटेगा। इसके लिए फार्म 15जी या 15 एच जमा करना होता है। वहीं, अगर पैन कार्ड को केवायसी के तौर पर जमा नहीं किया गया है तो बैंक 20 प्रतिशत टीडीएस काट सकता है। अगर किराया 50 हजार रुपये महीने से ज्यादा है तो भी टीडीएस काटना होगा। किराये के घरों में रहने वाले लोगों के लिए ही नियम बनाए गए हैं। नियमानुसार 50 हजार से ज्यादा किराया पटाते हैं तो पांच प्रतिशत टीडीएस किराया काटकर भरना होगा। विशेषज्ञों के अनुसार कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को 50 लाख या उससे अधिक का भुगतान करता है तो पहल पांच प्रतिशत टीडीएस काटना होगा। हालांकि आपको किसी भी प्रकार से टेन नंबर लेने की आवश्यकता नहीं है। केवल पैन नंबर से ही टीडीएस काट सकते हैं।
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