कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा के संसदीय क्षेत्र धमतरी जिले के सिहावा विधानसभा अंतर्गत ग्राम कुम्हड़ा के मतदान केन्द्र में अन्य मतदान केन्द्रों से हटकर नजारा सामने आया। यहां मतदान करने के लिए आश्रित ग्राम ब्राम्हणबाहरा और खड़ादाह के ग्रामीण मतदाता ट्रेक्टर-ट्राली व पिकअप में सवार होकर सुबह मतदान करने पहुंचे। मतदान करने के लिए धूप से बचने दौड़ते हुए मतदान केन्द्र तक पहुंचते रहे। मतदाता अघनूराम, प्रसादीराम नेताम, कृपाराम मरकाम, अशोक मंडावी, फूलचंद नेताम और मालती नेताम, तीजो बाई, चैती बाई तथा सुदाबाई यादव ने कहा कि मतदान केन्द्र की दूरी गांव से करीब पांच किलोमीटर है, ऐसे में उन्हें वाहनों में सवार होकर मतदान करने के लिए पहुंचना पड़ता है। यहां मतदान करने सुबह से शाम तक भीड़ रही। कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सिहावा विधानसभा अंतर्गत मतदान केन्द्र बनरौद में 26 अप्रैल की सुबह ग्राम मारदापोटी निवासी दो सगी बहन हीराबती ताम्रकार 21 वर्ष और मनीता ताम्रकार 24 वर्ष पहली बार मतदान करने पहुंची थी। हीराबती ताम्रकार कालेज की छात्रा है और मनीता कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई की है। अपने भाई के साथ एक किलोमीटर दूर से बाइक पर सवार होकर मतदान करने पहुंची थी। पहली बार मतदान करके लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भूमिका निभाई, तो उन्हें काफी खुशी हुई। अब वे आगामी हर चुनाव में मतदान करेंगी। कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सिहावा विधानसभा अंतर्गत मतदान केन्द्र बांसपारा कुकरेल, बनरौद में सुबह से अधिकांश समय सन्नाटा पसरा रहा। यहां के मतदान दल के अधिकारी-कर्मचारियों को मतदान के लिए मतदाताओं के आने का इंतजार करना पड़ा। बनरौद केन्द्र में मारदापोटी के मतदाताओं के लिए केन्द्रा बना हुआ था। केन्द्र में सन्नाटा होने के लिए मुख्य कारण ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से ग्रामीण महुआ बीनने व धान फसल की कटाई करने गए हुए है। काम से लौटने के बाद वे मतदान करेंगे। बनरौद के मतदान केन्द्र से करीब 300 मीटर दूर पर भाजपा-कांग्रेस के बूथों में मतदाताओं को रझाने के लिए भजिया बनाकर दिया जा रहा था। मतदान करने से पहले मतदाता गरमा-गरम भजिया खाते थे। इसके बाद मतदान करने पहुंचते थे। इस दौरान दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में मतदान करने के लिए रिझाते हुए नजर आए। इसी तरह बांसपारा कुकरेल के मतदान केन्द्र से करीब 300 मीटर दूर पर भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को रिझाने के लिए नमकीन की व्यवस्था की थी। टेबल पर सजाकर रखे हुए थे, लेकिन यहां मतदाता ही नहीं पहुंच रहे थे, जबकि यहां 521 मतदाता है। मतदान केन्द्रों और बूथ के कार्यकर्ताओं को मतदाताओं के आने का इंतजार करना पड़ रहा था।
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