प्रदेश के सरकारी अस्‍पतालों की ये है हकीकत

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 28 जिला अस्पतालों और 146 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में वर्ष-2026 तक हमर लैब खोला जाना है, लेकिन अब तक केवल 14 जिलों और नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही हमर लैब खुल पाया है। 14 जिलों के लाखों लोग अभी भी निजी लैबों पर निर्भर हैं। तीन मेडिकल कालेजों में भी हमर लैब खोला जाना प्रस्तावित है, लेकिन अब तक केवल सरगुजा में ही सफलता मिल पाई है। रायपुर और जगदलपुर मेडिकल कालेज में हमर लैब खुलने का इंतजार वर्ष-2018 से हो रहा है। कोरबा जिले के पटादी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के छुईखदान और रायगढ़ जिले के सिविल अस्पताल खरसिया में हमर लैब के लिए हमर लैब के लिए भवन बनकर तैयार है, लेकिन जांच उपकरण नहीं हैं। जिला अस्पताल के हमर लैब में 120 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 50 तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। प्रदेश में सबसे पहला हमर लैब वर्ष-2018 में राजधानी के जिला अस्पताल में खोला गया था। इसके बाद प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हमर लैब खोलने की योजना थी। विकासखंड स्तर पर देश का पहला लोक स्वास्थ्य इकाई (ब्लाक पब्लिक हेल्थ यूनिट) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में स्थापित किया गया था। प्रदेश के इस माडल प्रोजेक्ट को देशभर में अपनाया गया है। पीएचसी, सीएचसी से लेकर जिला और मेडिकल कालेज अस्पतालों में बिना लैब या डायग्नोस्टिक सेंटर के बीमारी का इलाज संभव नहीं है। मरीजों को सबसे ज्यादा राशि जांच में खर्च करनी पड़ती है। हमर लैब में ब्लड ग्रुप, डायबिटीज, लीवर, किडनी, यूरीन के अलावा जापानी इंसेफेलाइटिस, हेपेटाइटिस ए, बी व सी, हिमेटोलाजी, बायो केमेस्ट्री, माइक्रोबायोलाजी समेत 120 तरह की जांच की जाती है। हर साल तीन से चार लाख लोगों की सैंपल जांच रायपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. एसके भंडारी ने बताया कि हमर लैब में हर साल तीन से चार लाख लोगों की सैंपल जांच हो रही हैं। वहीं, निजी लैब में इन जांच सुविधाओं के लिए 10 हजार रुपये से अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है। लाखों मरीजों को सुविधाएं निश्शुल्क मिल रही हैं। कुछ जांचों के लिए काफी कम राशि ली जाती है। मेडिकल कालेज, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी हमर लैब में जांच के लिए सैंपल आते हैं। यहां के जिला अस्पतालों में हमर लैब संचालित: बालोद, बलौदबाजार, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दुर्ग, कांकेर, कोंडागांव, रायपुर, राजनांदगांव, सुकमा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, नारायणपुर और कबीरधाम। यहां के सीएचएसी में संचालित हमर लैब: पलारी, कसडोल, पाटन, धमधा, मैनपुर, भानुप्रतापपुर, धरमजयगढ़, सिविल अस्पताल धरमजयगढ़, पुसौर। स्वास्थ्य संचालनालय के उप संचालक डा. डीके तुर्रे ने कहा, जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हमर लैब खोले जा रहे हैं। कुछ जगहों पर भवन बनकर तैयार हो गए हैं, जल्द ही शुरू किया जाएगा। हमर लैब से मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है।

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