शिवरीनारायण : रेत के अवैध कारोबार में लगे रेत माफियाओं पर लगाम लगाने में जिला प्रशासन पूरी तरह से फेल है। शिवरीनारायण में रेत घाट को अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। इसके बाद भी दिनों रेत माफिया शिवरीनारायण में बहने वाली महानदी का सीना छलनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रोजाना सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर रेत का उत्खनन करते नजर आ जाते है। कार्रवाई नहीं होने से रेत माफियाओं के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं। महानदी के भोगहापारा घाट का ठेका खत्म हुए एक साल सेअधिक समय होगया है। रेत घाट की स्वीकृति नहीं मिलनेके बाद रेत माफिया धड़ल्ले से उत्खनन कर रहे हैं। अल सुबह से लेकर देर रात तक रेत मािफया ट्रैक्टर से अवैध उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं। रोजाना रेत माफियाओं के द्वारा महानदी के रेत घाट से 50 से भी अधिक ट्रैक्टरों के माध्यम से 5 सौ ट्रिप से भी अधिक रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जिससे महानदी पूरी तरह बेजान नजर आने लगी है। रेत माफिया अवैध उत्खनन कर मनमाने कीमतों पर रेत बेच रहें हैं और लाखों रुपए की काली कमाई रहे हैं। सुबह से लेकर देर रात तक रेत से ओवर लोड ट्रैक्टर नगर के सड़को पर फर्राटे भर रहें हैं। सड़क पर ट्रैक्टरों से पानी के साथ रेत बहकर गिरते हुए जाता है। सड़क पर फैले रेत के कारण आए दिन हादसे भी हो रहे हैं, लेकिन न तो खनिज विभाग, राजस्व विभाग द्वारा और न ही जिला प्रशासन द्वारा रेत माफियाओं पर कोई कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई नहीं होने से रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। रेत माफियाओं द्वारा नियमों को ताक में रखकर महानदी से लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। रेत माफियाओं की मनमानी चरम पर है। रेत माफिया अवैध तरीके से महानदी में जहां पा रहे हैं वहां से, जितना चाह रहे हैं उतना रेत निकाल रहे हैं। यहां तक की रेत माफियाओं द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से बने बैराज के एकदम करीब रेत का उत्खनन किया जा रहा है। जिससे बैराज के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। महानदी में अभी तक किसी भी घाट को पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं मिली है। इसके बाद भी शिवरीनारायण के महानदी से रोजाना सैकड़ो ट्रैक्टर रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन बिना रायल्टी के हो रहा है। जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। मगर खनिज विभाग के अधिकारियोंको इससेकोईसरोकार नहीं है। कभी कभार ही वेएक दोवाहनोंको पकड़कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर औपचारिकता निभा लेते हैं। ऐसा नहीं है कि अवैध रेत उत्खनन की जानकारी खनिज विभाग या जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों न हो। सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई नहीं करना समझ से परे है। कुछ दिनों बाद बरसात का मौसम आने वाला है। बरसात के समय महानदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नदी से रेत निकालने में रेत माफियाओं को परेशानी होती है। जिसके लिए रेत माफियाओं ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। रेत माफियाओं ने नगर में कई जगहों पर खनिज विभाग से बिना अनुमति लिए रेत की अवैध डंपिंग शुरू कर दी है। रेत माफियाओं द्वारा जगह जगह सैकड़ो ट्रैक्टर रेत की अवैध डंपिंग की जा रही है। जिसे बरसात आने के बाद रेत माफियाओं द्वारा ऊंचे दामों पर बेचा जाएगा। जगह जगह हो रहे अवैध रेत डंपिंग पर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ””महानदी में अभी तक किसी भी घाट को पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं मिली है। जल्द ही टीम भेजकर रेत उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी ।
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