रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू हो जाएगी। इसके अंतर्गत उच्च शिक्षा में बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं। स्नातक कक्षाओं में भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है। स्नातक के छात्रों को अब आंतरिक मूल्यांकन के 20 से 30 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। अभी तक 10 प्रतिशत अंक दिए जाते थे। विषय के अनुसार अंक निर्धारित किए जाएंगे। आंतरिक मूल्यांकन के नंबर बढ़ने से नियमित कालेज आने वाले छात्रों को फायदा होगा। जो छात्र-छात्राएं प्रतिदिन पढ़ने आएंगे, उन्हें आंतरिक मूल्यांकन में ज्यादा अंक मिलेंगे। इससे कालेजों में छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ेगी। इस नई व्यवस्था का फायदा छात्रों को मिलेगा। ज्यादा संख्या में छात्र पास होंगे। अच्छा स्कोर करने में भी मददगार साबित होगा। जानकारों का मानना है कि अभी जो व्यवस्था चल रही है उसमें आंतरिक मूल्यांकन के नंबर कम हैं। इस वजह से नियमित पढ़ने आने वाले और कभी कभार पढ़ने के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं के बीच आंतरिक मूल्यांकन के नंबरों में ज्यादा अंतर नहीं होता है। वर्तमान में सिर्फ 10 प्रतिशत अंक ही आंतरिक मूल्यांकन के मिलते हैं। प्राध्यापक भी नंबर देने के समय एक लिमिट निर्धारित करते हैं, उससे ज्यादा या कम नंबर किसी भी छात्र-छात्रा को नहीं दिया जाता है, इस वजह से भी छात्रों के बीच नंबरों का बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता है। अब नए सिस्टम में आंतरिक मूल्यांकन के अंक बढ़ाए जा रहे हैं। इस नंबर के लिए वाइवा और प्रेजेंटेशन को आधार बनाया जाएगा। जो छात्र नियमित क्लास जाएंगे उन्हें ही फायदा होगा। इसलिए माना जा रहा है कि छात्र उपस्थिति पर ध्यान देंगे। उच्च शिक्षा से जुड़े राज्य में नौ शासकीय विश्वविद्यालय हैं।
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