रायपुर। अगर आप बड़े कैश ट्रांजैक्शन करते हैं तो ये आपको परेशानी में डाल सकता है। बैंक में पैसे जमा करने, म्यूचुअल फंड में निवेश या क्रेडिट कार्ड का ज्यादा बिल भरने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है। इसीलिए अगर कोई व्यक्ति बड़े कैश ट्रांजैक्शन करता है तो इसकी जानकारी उन्हें इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है। क्योंकि आपकी लेनदेन पर आयकर विभाग की नजर रहती है और विभाग चाहे तो आपसे आय का स्त्रोत भी पूछ सकता है। इसके साथ ही आप पर 89 प्रतिशत तक का जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए आपको बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने के नियमों की भी जानकारी होनी चाहिए। हम आपको इन सारी बातों इस समाचार के माध्यम से जानकारी मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपने 10 लाख रुपये से अधिक जमा किया तो आयकर विभाग आपसे आय का स्त्रोत पूछ सकता है। अगर विभाग आपके जवाब से संतुष्ट नहीं है तो आप पर भारी जुर्माना भी लगा सकता है। आयकर विभाग द्वारा 60 प्रतिशत टैक्स, 25 प्रतिशत सरचार्ज तथा 4 प्रतिशत सेस लगा सकता है। बचत खाते में मोटी रकम रखने से कोई मतलब नहीं है। आप इस पैसे को शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इससे आपको अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है। अगर आप जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो आप बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट (एफडी) करा सकते हैं, इसमें आपका निवेश सुरक्षित रहेगा और रिटर्न भी मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की कोई लिमिट नहीं है। आप जितना मर्जी इसमें पैसे जमा कर सकते हैं, लेकिन आपके अकाउंट में जमा रकम आयकर के दायरे में है तो उसकी अधिकारिक जानकारी देनी होगी। साथ ही आपके आय का स्त्रोत भी बताना होगा। अगर आपने एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक बैंक में जमा करते हैं तो इसकी जानकारी सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) को देना जरूरी है। यही लिमिट एफडी में कैश डिपाजिट, म्यूचुअल फंड, बांड और शेयरों में निवेश पर भी लागू होता है।
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