अंबिकापुर। अंबिकापुर शहर का कचरा शहर सीमा पर स्थित खैरबार बांकी नहर पर फेंका जा रहा है। आसपास के मटन मुर्गा दुकानों से निकलने वाला अवशेष भी यही लाकर फेक जाने से गांव में गंदगी और बदबू फैल रही है। नहर से लगे इस स्थल पर ही खैरबार हायर सेकेंडरी स्कूल है जहां 400 बच्चे अध्ययन करते हैं। 15 जून के बाद स्कूल खुल जाएगा, ऐसे में मानसून शुरू हुआ तो नहर के ऊपर फेंकी जा रही गंदगी से जो बदबू उठेगी उससे इन बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ेगा। गर्मी में कचरे के ढेर से आसपास बदबू आनी शुरू हो गई है। यदि शहर का कचरा यहां फेंकने से रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में यह गंदगी स्कूली बच्चों के साथ खैरबार के ग्रामीणों का स्वास्थ्य भी बिगाड़ेगा। खैरबार पंचायत के सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों ने शहर का कचरा यहां लाकर फेकें जाने का विरोध भी किया है। अंबिकापुर शहर की स्वच्छता को लेकर नए सिरे से कवायद शुरू की गई है।अंबिकापुर शहर को स्वच्छता में कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है किंतु पिछले एक-दो सालों से अंबिकापुर शहर को स्वच्छता के स्तर को बरकरार रखना मुश्किल हो गया है। दो लाख की आबादी वाले शहरों में स्वच्छता में नंबर वन रहने वाला अंबिकापुर शहर 27 वें स्थान पर खिसक गया है। नए सिरे से शहर में स्वच्छता की कवायद की जा रही है किंतु नगर से लगे वार्ड क्रमांक 22,23 और 24 का कचरा लोग यहां लाकर सीमा पर स्थित खैरबार पंचायत के नहर में फेंक रहे हैं।बांकी नहर वर्षों से पानी के अभाव में सुखी है।चारों ओर खरपतवार व झाड़ियां ने घेर लिया है। इस नहर पर घुटरपारा पुल से लेकर गाड़ाघाट मार्ग तक शहर का कचरा डंप किया जा रहा है। इसमें ज्यादातर मटन मार्केट की गंदगी शामिल है जो काफी बदबू कर रही है। पूर्व में भी जब यहां कचरा फेंका गया तो पंचायत ने आपत्ति दर्ज की थी किंतु किसी ने पंचायत की बात नहीं सुनी।नगर निगम की ओर से भी यहां कचरा फेंकने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।यह कह कर छोड़ दिया जा रहा है कि यह नगरीय सीमा से बाहर है पर यह जानना जरूरी है कि यह कचरा शहर से लाकर यहां फेंका जा रहा है। जहां कचरा फेंका जा रहा है वहां वन विभाग ने बड़ी नर्सरी का निर्माण किया है जहां बड़ी मुश्किल से पौधे बड़े होने लगे हैं।चारों ओर हरियाली है जो सुकून देती है किंतु गंदगी और कचरा पाटे जाने से यह स्थल नाक बंद करके आने-जाने की स्थिति में आ गया है। मुर्गा, मटन के अवशेष लाकर फेंके जाने से हवा में उड़कर कई अवशेष लोगों के घरों तक भी पहुंच रहे हैं। यदि इसे रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में यह गंदगी और भी मुसीबत का कारण बनेगी।स्कूल खोलने के बाद तो बच्चों के लिए यह स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव डालेगा। शहर सीमा के वार्ड क्रमांक 23 और 24 में मुख्य मार्ग पर खुलेआम मटन मुर्गा के दुकान संचालित हो रहे हैं। यही से निकले हुए अवशेष को यहां फेक जाने की बात खैरबार के ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि नगरीय प्रशासन को सड़क के किनारे मुर्गा मटन की दुकानों पर रोक लगनी चाहिए। जब अंबिकापुर शहर में बड़ा मटन मार्केट एक स्थान पर स्थापित कराया गया है फिर सड़क पर मुर्गा ,मटन की दुकान संचालित करना कितना उचित है। नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी यदि इस पर कार्रवाई करें तो गांव में फैल रही गंदगी भी रुकेगी। बांकी नहर का उपयोग अभी भी खैरबार के कई मोहल्ले के लोग आने-जाने के लिए करते हैं। खैरबार के खुदीपारा,गाड़ाघाट से लगे मोहल्लों के सैकड़ो लोगों का आवागमन इसी नहर के रास्ते से होता है।नहर तो खस्ताहाल है ही अब गंदगी फेकें जाने से बदबू के बीच लोगों को आवाजाही करनी पड़ रही है। ग्रामीण नर्मदा यादव,विनोद यादव,विजय का कहना है की बरसात में इस नहर से आने जाने में बड़ी दिक्कत खड़ी होगी। शहर से लगे ग्राम पंचायत खैरबार की सरपंच बसंती मिंज ने कहा कि शहर का कचरा लाकर हमारे गांव के नहर पीढ़ पर फेंका जा रहा है यह उचित नहीं है।चुकीं यह शहरी कचरा है इसलिए नगर निगम को ही इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर में जब घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य हो रहा है फिर यह कचरा कहां से हमारे गांव में फेंका जा रहा है। यदि नगर निगम प्रशासन ने इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं की तो हम पंचायत की ओर से निर्णय लेकर कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई करने बाध्य होंगे।
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