इजरायल इस वक्त एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा, हिजबुल्लाह ने निकाल ली आयरन डोम की काट?

नई दिल्ली
इजरायल इस वक्त एक साथ कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है। ऐसे में मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचने के लिए इजरायल ने अपनी सीमाओं पर सबसे बड़ा सुरक्षा तंत्र यानी आयरन डोम डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखा है, जो दुश्मन देश की तरफ से आने वाली हर मिसाइल और ड्रोन को इंटरसेप्ट कर इजरायल के सुरक्षा दे रहा है। हाल ही में जब ईरान ने करीब 200 बैलस्टिक मिसाइलों से इजरायल पर हमला बोला तो उनमें से अधिकांश को इजरायली आयरन डोम ने हवा में ही नष्ट कर दिया लेकिन अब हिज्बुल्लाह ने उसकी काट निकाल ली है।

दरअसल, लेबनान के हिज्बुल्लाह आतंकियों ने रविवार को उसकी सुरक्षा तंत्र में सेंधमारी करते हुए इजरायली सेना के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कई ड्रोन दागे हैं, जिसमें चार सैनिकों की मौत हो गई है, जबकि 60 से ज्यादा घायल हुए हैं। हिजबुल्लाह आतंकियों ने मिरसाद-1 ड्रोन के जरिए रविवार शाम को बिनयामीना-गिवात अदा के पास इज़रायली सुरक्षा बल (IDF) बेस पर हमला किया, जिसमें चार सैनिक मारे गए और कई अन्य घायल हुए हैं। ये ड्रोन समुद्री क्षेत्र से होते हुए मध्य इजरायली क्षेत्र में जाकर लक्षित ठिकानों पर गिरे। IDF ने कहा है कि वह इस घटना की जांच कर रही है। IDF ने यह भी कहा है कि उसने हिज्बुल्लाह के एक ड्रोन को मार गिराया है।

ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर आयरन डोम के तैनात होते हुए हिज्बुल्लाह आतंकियों ने इजरायली भू-भाग में ड्रोन से हमले कैसे किए? क्या हिज्बुल्लाह ने आयरन डोम को चकमा देने और उसकी निगाहबानी की काट निकाल ली है? इस हमले ने यह भी साबित कर दिया है कि इजरायल हिज्बुल्लाह की ताकत को कमतर ना आंके। हिज्बुल्लाह को ईरान से हर तरह की मदद मिलती रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आयरन डोम ने इन ड्रोन का पीछा तो किया था लेकिन अचानक वे उनके रडार से गायब हो गए। इस हमले में चौंकाने वाली बात ये है कि इजरायली सुरक्षा तंत्र में तैनात रडारों ने मिरसाद-1 के हमले के दौरान न तो खतरे की चेतावनी दी और न ही सायरन बजा सकी। हिज्बुल्लाह के इस ड्रोन हमले ने इजरायल की नींद उड़ा दी है।

क्या है मिरसाद-1 ड्रोन, क्या है खासियत?
मिरसाद-1 ड्रोन एक आत्मघाती ड्रोन है, जिसका इस्तेमाल हिज्बुल्लाह लड़ाके 20 वर्षों से कर रहे हैं। ईरान में इसे अबाबील-टी के नाम से जाना जाता है। इजरायली शोध संस्थान अल्मा सेंटर के मुताबिक, मिरसाद-1 ड्रोन की मारक क्षमता 120 किलोमीटर और अधिकतम गति 370 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह ड्रोन 40 किलोग्राम तक का पेलोड (विस्फोटक) ले जा सकता है और 3,000 मीटर तक ऊंची उड़ान भर सकता है। साल 2002 तक हिज्बुल्लाह इस ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी और जासूसी के लिए करता था लेकिन उसके बाद इसे इजरायली इलाके में आत्मघाती हमले के लिए इस्तेमाल करने लगा।

जेरूसलम पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मिरसाद-1 एक ऐसा ड्रोन है जिसे हिजबुल्लाह ने दो दशकों से अधिक समय से तैनात कर रखा है और यह ईरानी डिजाइन पर आधारित है। बता दें कि हिजबुल्लाह एक सशस्त्र शिया आतंकवादी समूह है जो ईरान द्वारा समर्थित है। इजरायली सुरक्षा तंत्र को चकमा देने के लिए हिज्बुल्लाह ने पहले रॉकेटों से हमला किया, फिर उसी के बीच ड्रोन हमले भी किए ताकि इजरायली सैनिक और उसका एयर डिफेंस सिस्टम को कन्फ्यूज हो जाय। हिज्बुल्लाह अपने इस अंजाम में आंसिक तौर पर सफल हुआ क्योंकि उसके कुछ ड्रोन एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देते हुए सैन्य अड्डे के पास जा गिरे। वैसे यह पहली बार नहीं है जब हिजबुल्लाह के ड्रोन चकमा देते हुए इजरायली हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए हैं। ये इस साल की दूसरी घटना है जब इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन हमले को रोक नहीं सका।

More From Author

मुख्यमंत्री साय ने आमचो बस्तर क्लब में किया दोपहर का भोजन

कनाडा से लौट रहे उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को खालिस्तानी तत्वों से खतरा, मिलेगी हाई सिक्योरिटी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.